-सर्वे रिपोर्ट का दावा, लॉउडस्पीकर पर लगे बैन तो दंगों पर लग सकती है लगाम

-आईजी लॉ एंड आर्डर में सभी जिलों के पुलिस अफसरों से मांगे सजेशन

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anil.kumar@inext.co.in

BAREILLY: आए दिन प्रदेश के कई जिलों को दंगों की आग में झुलसाने वाला कोई और नहीं बल्कि लाउडस्पीकर है। एक गैरसरकारी संगठन की सर्वे रिपोर्ट ने पुलिस के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। सर्वे में दावा किया गया है कि अगर दंगों को कंट्रोल करना है तो सबसे पहले धार्मिक स्थलों में बजते लाउडस्पीकरों पर लगाम लगाई जाए। फिलहाल इस दावे की तस्दीक के लिए डीजीपी के फरमान के बाद आईजी लॉ एंड आर्डर ने सभी जिलों के एसएसपी, एसपी और सीओ से सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर सुझाव मांगे हैं। सभी सीओ को अपने सुझाव देने के लिए लेटर भेज दिया गया है।

प्रमुख्ा सचिव को लिखा लेटर

एनजीओ सत्या फाउंडेशन ने प्रमुख सचिव गृह को लिखा है कि एनजीओ न्वायज पॉल्यूशन पर अलग-अलग शहरों में जाकर पब्लिक व अधिकारियों के बीच में न्वायज पॉल्यूशन को लेकर वर्कशॉप करती है। वाराणसी, गोरखपुर, बरेली, चंदौली और इलाहाबाद के अलावा यूपी के बाहर की सिटीज में कंपेन की। कंपेन के दौरान यूपी सरकार से डीजे पर लगाये गये बैन से लोग काफी खुश दिखे।

ार सुझावों पर अमल हो

एनजीओ की रिपोर्ट के अनुसार आवाज को रात में दस बजे से सुबह म् बजे तक पूरी तरह से बंद होना चाहिए और दिन में मैक्सिमम लिमिट 7भ् डेसीबल हो। लेकिन ऐसा होता नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश है कि धार्मिक स्थलों के टॉप पर लाउडस्पीकर नहीं लगने चाहिए। अगर लगें तो इसकी हाइट ग्राउंड से 8 फीट होनी चाहिए। दिन हो या रात ऐसे स्थान जहां हॉस्पिटल, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, पूजास्थल या कोर्ट हो उसके क्00 मीटर के दायरे में कोई भी शोर नहीं होना चाहिए। दिन और रात में किसी भी स्थान पर जनरेटर नियमों के मुताबिक ही चलने चाहिए।

धर्म गुरुओं संग कर सकते हैं मीटिंग

रिपोर्ट मानती है कि इन चार नियमों को पूरी तरह से फॉलो कर लिया जाए तो किसी भी तरह का बवाल या दंगा नहीं होगा। इसके लिए अधिकारियों खासकर सीओ लेवल के अधिकारी इसका कड़ाई से पालन कराएं तो पुलिस को लॉ एंड आर्डर की प्रॉब्लम के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। एनजीओ ने प्रमुख सचिव से बरेली व वाराणसी जैसे शहरों में धर्म गुरुओं और पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग कर इसके बारे में समझाने की भी रिक्वेस्ट की है।

बरेली में भी हुए हैं दंगे

बरेली में भी दंगे डीजे और लॉउडस्पीकर से निकलने वाली तेज आवाज के चलते ही हुए हैं। सबसे बड़ा दंगा जुलाई ख्0क्ख् में हुआ था जब शहर में दो बार में करीब क्भ् दिनों तक कफ्र्यू लगाना पड़ा था। इसके अलावा भी जगह-जगह धार्मिक स्थलों पर लॉउडस्पीकर लगाने और डीजे बजाने को लेकर बरेली में अक्सर बवाल होता आ रहा है। बरेली में लॉ एंड आर्डर की प्रॉब्लम हमेशा बनी रहती है।

कोट

इस संबंध में आईजी लॉ एंड आर्डर ने सुझाव मांगा हैं। सभी सीओज को सुझाव देने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे ही सुझाव आएंगे रिपोर्ट तैयार कर भेज दी जाएगी।

-राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी, बरेली