कब के बिछड़े हुए

ज्यादातर लव बड्र्स एक महीने तक गार्जियन की निगहबानी में रहे। स्कूल-कॉलेज खुलने पर अब उनको आजादी मिल गयी है। प्यार की पींगे बढ़ाने से अब उन्हें रोकने वाला कोई नहीं.कभी मौसम तो कभी मिजाज तो भी मुकद्दर के बहाने मिलने का मौका तलाश लिया। एक महीने की जुदाई सिर्फ मोबाइल और फेसबुक से कटी है। तो ऐसी मुलाकात की दरकार है जो यादगार हो। लव बड्र्स मिलने के लिये उसी प्लेस को सेलेक्ट कर रहे हैं जहां उन्हें डिस्टर्ब करने वाला कोई न हो। सिर्फ सिटी नहीं सिटी के आसपास के डिस्ट्रिक्ट के प्रेमी जोड़े भी थोड़े वक्त के साथ के लिये सिटी में पहुंचते हैं।

चुनिंदा है जगह

इसे लव बड्र्स की किस्मत कहें या लोगों का कसूर कि सिटी में लव पॉइंट्स जैसी कोई जगह नहीं है। जहां कपल बिना किसी डिस्टर्बेंस के टाइम बिता सकें। मजबूर शहर की भीड़भाड़ के बीच ही उन्होंने कुछ ऐसी जगह बना ली है। सारनाथ के खण्डर परिसर में सबसे अधिक कपल पहुंचते हैं। बड़ा कैम्पस होने की वजह से उन्हें सुकून से बैठने के लिय थोड़ी जगह मिल जाती है। यहां सिटी के साथ ही दूर दराज के एरिया के भी लव बड्र्स आते हैं। गंगा पार सात किलोमीटर तक फैली रेत का नर्म अहसास लव बड्र्स को खूब भाता है। गंगा घाट से गंगा की लहरों की अठखेलियां देखना अच्छा लगता है। वैसे तो बीएचयू विद्या का मंदिर है लेकिन मधुबन गार्डेन प्यार करने वालों के लिये प्यार के मंदिर से कम नहीं है। गंगा तट पर मौजूद रविदास पार्क की सुंदर बनावट काफी राहत देती है।

प्यार पर लग गया पहरा

प्यार करने वालों से भाल किसको दुश्मनी हो सकती है। लेकिन इस सिटी में प्यार करना जैसे जुर्म है। कुदरत और इंसान दोनों उनके दुश्मन बन बैठे हैं। गंगा में पानी बढ़ा तो सबसे उस रेत को डुबोया जहां प्यार की इबारत लिखी जाती थी। उन घाट की सीढिय़ों पर भी लहरें काबिज हो गयी जिन पर बैठकर लव बड्र्स अपने ख्वाब बुनते थे। रविदास पार्क में हमेशा पुलिस की ड्यूटी रहती है। प्रेमी जोड़ों देखते ही उनकी वसूली की नीयत जाग उठती है। एंटी सोशल एलिमेंट का भी यहां मूवमेंट काफी अधिक रहता है। बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने कुछ दिनों पहले कैम्पस में स्टूडेंट्स के अलवा दूसरे लोगों के घूमने-फिरने पर रोक लगा दी। अब प्रेमी जोड़े उस मधुबन में भी नहीं बैठ सकते हैं जहां वह जिंदगी में प्यार की मिठास घोलते थे। रही-सही कसर बोध गया में सीरियल ब्लॉस्ट ने पूरी कर दी। ब्लॉस्ट के बाद सारनाथ में सिक्योरिटी बढ़ा दी गयी है। पुलिस यहां आने वाले कपल्स को भी डिस्टर्ब कर रही है। उनको हटाने के लिये बाकायदा मूलगंध कुटी विहार से लेकर खण्डहर परिसर में पुलिस तैनात कर दी गयी है।

एक सितम और अभी दिल का निशां बाकी है

इस सितम के बाद भी लव बड्र्स का हौसला टूटा नहीं है। जैसे वह कह रहे हों कि अभी दिल का निशां बाकी है। अपने प्यार को परवान चढ़ाने के लिये वह नई-नई जगह तलाश रहे हैं। लव बड्र्स मॉल में मिल रहे हैं। यहा उन्हें सारनाथ या मधुबन जैसी शांति नहीं मिल रही लेकिन साथ होने का एहसास भी काफी है। ऐसे रेस्तरां भी इन दिनों कपल्स से भरे नजर आ रहे हैं जहां आमतौर पर लोग जाना कम ही पसंद करते हैं। सिटी के बाहर मौजूद ढाबे भी लव बड्र्स को खूब भा रहे हैं। उन्हें आउटिंग का मजा भी मिल रहा है और शहर की भीड़-भाड़ भी नहीं होती है।

हर कोई उठा रहा मजबूरी का फायदा

लव बड्र्स की मजबूरी का फायदा उठाने वाले भी कम नहीं हैं। जिन रेस्तरां में दिन भर में कोई भूले-भटके ही पहुंचता था अब उनका रेट बढ़ गया है। दूर-दराज के ढाबे प्रेमी जोड़ों को देखकर स्पेशल ट्रीटमेंट के नाम पर धन वसूल रहे हैं। पुलिस यहां भी पीछा नहीं छोड़ रही है। सिटी के बाहर जा रहे यंग कपल को रोककर चेकिंग के नाम पर परेशान किया जाता है।