-बरेली में रोजाना एक लड़की के प्रेमी के साथ भागने का मामला आता है सामने

-319 दिनों में 423 बहला-फुसलाकर अपहरण के मामले हो चुके हैं दर्द

bareilly@inext.co.in
BAREILLY : प्रेमी जोड़ों और उनके परिजनों की सुरक्षा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। जोगी नवादा में प्रेमी मनोज मौर्य के पिता राजाराम की एक्सीडेंट कर हत्या के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं, क्योंकि बरेली में रोजाना किसी न किसी थाना एरिया से किसी लड़की के प्रेम प्रसंग में बहला-फुसलाकर अपहरण के मामले सामने आते हैं। वर्ष 2018 में 15 नवंबर तक 319 दिनों में ही 423 मामले बहला-फुसलाकर अपहरण के दर्ज हो चुके हैं, इनमें से अधिकांश मामले प्रेम प्रसंग से जुड़े हैं। ऐसे कई केस हैं, जो पुलिस तक पहुंचे ही नहीं है। ऐसे में सभी को सुरक्षा देना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है।

केस 1-संजय नगर के रहने वाले राजाराम की 15 नवंबर की जोगी नवादा में लोडर से टक्कर मारकर हत्या कर दी गई थी। राजाराम का शव फरीदपुर में पड़ा मिला था। राजाराम की हत्या सिर्फ इसलिए की गई, क्योंकि उनका बेटा मनोज गौसाई गौटिया की युवती से प्यार किया था और उसे भगाकर ले गया था।

केस 2-किला की रहने वाली लड़की ने 17 नवंबर को एसएसपी ऑफिस में जान का खतरा होते हुए डेरा डाल दिया था। वह किसी दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम करती थी, लेकिन घरवालों ने उस पर पहरा लगा दिया था। उसने पुलिस ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी, जिसके बाद किला पुलिस अपने साथ लेकर गई थी।

केस 3-कोतवाली के बिहारीपुर की रहने वाली 11 वीं की छात्रा का सिविल लाइंस स्थित होटल से अपहरण हो गया था। उसके परिजनों ने दूसरे समुदाय के युवक पर अपहरण करने और होटल मालिक पर मदद करने की एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन लड़की ने दिल्ली की कोर्ट में परिजनों से जान का खतरा जताते हुए सुरक्षा की मांग कर दी थी।

हर वर्ष बढ़ रहे मामले

प्यार के खातिर बाबुल का घर छोड़कर प्रेमी के साथ भाग जाने के मामलाें में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पुलिस के रिकॉर्ड इसकी गवाही दे रहे हैं। जहां वर्ष 2016 में बहला-फुसलाकर अपहरण के सिर्फ 388 केस सामने आए थे जो वर्ष 2017 में बढ़कर 418 पहुंच गए। इस वर्ष की ही बात कर लें तो एक जनवरी से 15 नवंबर 2018 तक ही 423 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि अभी वर्ष पूरा होने में 46 दिन बाकी हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह संख्या 500 के करीब पहुंच सकती है।

यह हैं पुलिस के सामने चुनौती

-अपहरण के बाद लड़की की बरामदगी

-बरामदगी के बाद उसे पूरी सुरक्षा देना

-कोर्ट के आदेश पर लड़की को सुरक्षा देना

-लड़की की असली उम्र का पता लगाना

-कई दिनों तक मेडिकल प्रक्रिया पूरी कराना

-लड़की के कोर्ट में बयान कराना

-बयान के बाद भी उसे सिक्योरिटी देना

-प्रेमी और प्रेमिका के परिजनों को सिक्योरिटी देना


रेंज में सबसे ज्यादा बरेली में केस

बरेली रेंज के 4 जिलों की बात करें तो बहला-फुसलाकर अपहरण के सबसे ज्यादा मामले बरेली डिस्ट्रिक्ट में हुए हैं। अन्य तीन जिलों की अपेक्षा बरेली में डेढ़ गुना मामले अधिक रहते हैं। इस वर्ष जहां बरेली में 423 मामले हो चुके हैं तो पीलीभीत में सिर्फ बदायूं में 250, पीलीभीत में 194 और शाहजहांपुर में 166 मामले सामने आए हैं। पूरी रेंज में अब तक 1033 मामले आ चुके हैं।

 

-423 केस इस वर्ष 15 नवंबर तक दर्ज

-418 केस वर्ष 2017 में दर्ज किए गए

-388 केस वर्ष 2016 में रिकार्ड हुए

-1033 मामले 15 नवंबर तक रेंज में हुए

-29 थाने हैं बरेली डिस्ट्रिक्ट में