नंबर गेम

- 10 लाख वॉलिंटियर्स अब तक जुड़ चुके हैं

- 7 साल से कर रहे प्रेमी जोड़ों की मदद

- 80 हजार वॉलिंटियर्स यूपी में हैं सक्रिय

- प्रेमी जोड़ों को कानूनी मदद पहुंचाता है एनजीओ

- प्रदेश भर में फैले वॉलिंटियर्स, हजारों जोड़ों को दे चुके हैं मदद

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW :

अगर किसी युवक या युवती की उसके परिजन जबरन शादी कराना चाहते हैंप्रेमी या प्रेमिका को आपस में मिलने नहीं देतेउनकी शादी में रोड़ा बन रहे हैं तो संपर्क करेंलव कमांडो-हेल्पलाइन नंबरों पर। यह पोस्टर है दिल्ली बेस्ड एनजीओ 'लव कमांडो' का। गाढ़े वक्त में जब प्रेमी जोड़ों को समाज या परिजनों से सिवाय धिक्कार के कुछ नहीं मिलता, ऐसे वक्त प्रेमी जोड़ों की मदद के लिये मौजूद है 'लव कमांडो'। देशभर के मुश्किल में फंसे आशिकों को मदद पहुंचाने के लिये बनाए गए इस एनजीओ ने अपने वॉलिंटियर्स को सक्रिय किया है, जो शिकायत मिलते ही पीडि़त युवक या युवती को कानूनी मदद दिलाने के लिये जी-जान से जुट जाते हैं। एनजीओ संस्थापक का दावा है कि वह अब तक हजारों प्रेमी जोड़ों को मिलाने में सफलता प्राप्त कर चुके हैं।

वकीलों ने दी एनजीओ सलाह

'लव कमांडो' एनजीओ के संस्थापक दिल्ली निवासी संजय सचदेव के मुताबिक, उनके सामने कई ऐसी घटनाएं हुई जिसमें, जाति, धर्म या हैसियत में अंतर के चलते परिजनों ने प्रेमी जोड़ों को अलग कर दिया और उनकी कहीं दूसरी जगह शादी करा दी। ऐसा ही एक मामला उनके सामने आया जुलाई 2010 में, जब साथ रह रहे एक प्रेमी युगल को युवती के परिजनों ने दबोच लिया। इसके बाद परिजनों ने युवक के खिलाफ रेप की फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक को अरेस्ट कर लिया। संजय ने बताया कि जब उन्हें पुलिस व युवती के परिजनों की इस हरकत का पता चला तो वे युवक की मदद के लिये आगे आए। उनके प्रयासों से युवक को जमानत मिल गई। संजय ने बताया कि इसी दौरान वकीलों ने उन्हें कोई एनजीओ बनाकर प्रेमी युगलों की मदद करने की सलाह दी। यह सलाह उन्हें भा गई और उन्होंने 'लव कमांडो' नाम के एनजीओ की स्थापना की।

लोग जुड़ते गए, कारवां बनता गया

संजय सचदेव ने बताया कि छह लोगों की कोर टीम के साथ शुरू किये गए इस एनजीओ के बारे में जैसे-जैसे लोगों को पता चला वे इससे जुड़ते गए। एनजीओ की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे अब तक 10 लाख वॉलिंटियर्स जुड़ चुके हैं जो देशभर में प्रेमी जोड़ों को मदद पहुंचाने के काम में जुटे हुए हैं। अकेले यूपी में ही 80 हजार वॉलिंटियर्स इस वक्त सक्रिय हैं। संजय ने बताया कि वॉलिंटियर्स चुनने में वे बेहद सावधानी बरतते हैं। जो लोग भी इस काम में हाथ बंटाना चाहते हैं उन्हें एनजीओ की वेबसाइट पर अप्लाई करना होता है। उसके बाद एनजीओ की ओर से उस शख्स की खुफिया जांच कराई जाती है। सबकुछ ठीक मिलने पर उसे एनजीओ से जोड़ लिया जाता है।

हेल्पलाइन में दर्ज करते हैं शिकायत

संजय ने बताया कि पूरी तरह से मुफ्त मदद पहुंचाने वाले उनके एनजीओ में 12 नंबर्स की हेल्पलाइन काम करती है। जिसमें देशभर से युवक या युवती शिकायत कर मदद मांगते हैं। इस हेल्पलाइन को वॉलिंटियर्स संचालित करते हैं। शिकायत मिलने पर उस एरिया में रहने वाले वॉलिंटियर को पूरे मामले की जानकारी दी जाती है। जिसके बाद वह वॉलिंटियर उस एरिया की पुलिस से संपर्क कर प्रेमी जोड़े की दिक्कत को दूर कराने में जी-जान से जुट जाता है।

80 हजार जोड़ों को पहुंचा चुके हैं मदद

'लव कमांडो' एनजीओ अब तक देशभर में 80 हजार प्रेमी जोड़ों को कानूनी मदद दिलाकर उन्हें मिलाने का काम कर चुका है। संजय ने बताया कि यूपी में उन्होंने महिला सम्मान प्रकोष्ठ के साथ मिलकर कई युवतियों को उनके घरों से रेस्क्यू करा कर उनके प्रेमियों से मिलवा चुका है, जिन्हें झूठी आन-बान के लिये उनके परिजनों ने बंधक बनाकर रखा हुआ था और उन्हें आपस में मिलने नहीं दे रहे थे।

आमिर खान से भी मिली शाबाशी

बिना किसी स्वार्थ प्रेमियों को मिलाने के काम में जुटी एनजीओ 'लव कमांडो' को मशहूर बॉलीवुड एक्टर आमिर खान से भी शाबाशी मिल चुकी है। एनजीओ के कामकाज को देखते हुए उन्हें आमिर ने उन्हें अपने मशहूर टीवी प्रोग्राम 'सत्यमेव जयते' में भी शामिल किया था।