PATNA: प्रदेश के ख्ब् जिलों में सोलर पंप लगाए जाएंगे, जिससे डीजल की भारी-भरकम खर्च से किसानों को राहत मिलेगी। ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोत की महत्ता को स्वीकार करते हुए तथा कम लागत पर पटवन के कार्य को सुगम बनाने के उदेश्य से इस योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ हो गया है। इसमें राजधानी पटना समेत अन्य ख्फ् जिले शामिल हैं। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें कुल लागत में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा लाभुक तीनों का अंश शामिल होगा तथा इसमें शुरुआती पांच साल तक किसानों को सोलर पंप का मेनटेनेंस का खर्च भी संबंधित एजेंसी को उठाना होगा। इस प्रकार यह डीजल से चलने वाले जेनरेटर सेट की तुलना में काफी कम खर्च पर खेतों में पटवन का कार्य को सुगम बनाएगा।

कैसे मिलेगा सोलर पंप

यह जानना सबसे जरूरी है। इस बारे में ब्रेडा के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि हर जिले के डीडीसी कार्यालय से सोलर पंप प्राप्त करने के लिए आवेदन देना होगा। इसके बाद इसे इंस्टॉल करने वाली एजेंसी से संपर्क कर लाभुक को दिया जाएगा। ब्रेडा के मुताबिक एक सोलर पंप लगाने में कुल तीन लाख रुपए की लागत आएगी। इसमें करीब ख्भ् प्रतिशत यानि 7भ् हजार रुपए का खर्च लाभुक को वहन करना होगा। इसमें केन्द्र सरकार फ्0 प्रतिशत तथा बिहार सरकार ब्भ् प्रतिशत राशि का योगदान करेगी। योजना के दूसरे चरण में लक्ष्य है फ्फ् हजार लोगों को इसके लाभ के दायरे में लाना है।

पर्यावरण के लिए भी सेफ

आमतौर पर डीजल से चलने वाले वाटर पंप सेट से लगातार निकलने वाला धुंआ से प्रदूषण होता है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अहितकर है। लेकिन सोलर वाटर पंप सेट पर्यावरण के अनुकूल और सेफ है। ब्रेडा के मुताबिक अब तक राज्य के क्म् उत्तरी जिलों में इसका कार्यान्वयन हो चुका है। इससे क्भ्00 से अधिक लोग लाभ प्राप्त कर चुके हैं। इनमें सुपौल, किशनगंज, अररिया, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, बेतिया सहित अन्य जिले शामिल हैं।

यदि डीजल से तुलना करें तो

एक अध्ययन के मुताबिक औसतन (तीन एचपी के जेनसेट)डीजल पर सालाना खर्च करीब फ्भ् हजार रुपए खर्च आता है। इस प्रकार दो साल में यह खर्च बढ़कर 70 हजार रुपए हो जाएगा। यदि इसे सोलर वाटर पंप से रिप्लेस कर दें तो किसान को कुल लागत खर्च मात्र 7भ् हजार रुपए आ रहा है। यादि अगले साल से किसान के लिए सोलर पंप का प्रयोग कर पटवन करना करीब-करीब मुफ्त में हो जाएगा। यदि लंबी अवधि तक इसका प्रयोग किया जाए तो इसका लाभ का आंकलन और बेहतर होगा।

ये हैं सोलर पंप के फायदे

- डीजल के खर्च से मिलेगी मुक्ति।

- पांच साल तक किसान को मेनटेनेंस पर कोई खर्च नहीं ।

- सोलर पंप पांच एकड़ तक पटवन करने में सक्षम।

- सुबह से शाम तक पटवन करने में सहुलियत ।

- मात्र 7भ् हजार रुपए उपलब्ध।

- खेतों में डीजल के धुएं से मिलेगी मुक्ति।

- स्टेट नोडल एनर्जी संस्था ब्रेडा का मिलेगा सहयोग।

- अधिकतम ख्भ् साल तक होगी सोलर पंप सेट की लाइफ।

बाक्स में

इन जिलों में शुरू होगी सोलर पंप योजना

- पटना, जहानाबाद, छपरा, सिवान, भागलपुर, नालंदा, बेगुसराय, जमुई, कटिहार, खगडि़या, समस्तीपुर, वैशाली, बांका, रोहतास, गया, नवादा, बक्सर, कैमूर, लक्खीसराय, औरंगाबाद, शेखपुरा व अन्य।

राजस्थान में यह योजना बहुत सफल रही है। डीजल के भारी-भरकम खर्च से मुक्ति और कम लागत में सोलर वाटर पंप उपलब्ध होने से बिहार के किसानों को बहुत लाभ होगा। असमय वर्षा के कारण खेतों में पटवन की बड़ी चुनौती भी आसान हो सकती है।

- संतोष कुमार, असिस्टेंट डायरेक्टर ब्रेडा