- कैबिनेट ने राहत देने के लिए शार्ट टर्म पॉलिसी का किया ऐलान

- दूसरे प्रदेशों के वैध परमिट पर यूपी में माल लाने की मिलेगी अनुमति

- ई-टेंडर के जरिए दस एकड़ तक का खनन पट्टा दे सकेंगे डीएम

LUCKNOW@inext.co.n

LUCKNOW: प्रदेश में आम जनता का मकान बनाने का सपना अब महंगाई की भेंट नहीं चढ़ेगा। खनन पर लगी रोक की वजह से बालू, मौरंग, गिट्टी जैसे बिल्डिंग मैटीरियल के आसमान छूते दामों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने खनन की शार्ट टर्म पॉलिसी लाने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। मंत्रियों के समूह ने तय किया कि अब दूसरे प्रदेशों से आने वाले बिल्डिंग मैटीरियल के वैध ट्रांजिट परमिट यूपी में मान्य होंगे। इससे बिल्डिंग मैटीरियल के दामों में खासी कमी आएगी।

डीएम दे सकेंगे दस एकड़ का पट्टा

नई खनन नीति को लाने के लिए राज्य सरकार को करीब छह माह का वक्त लग सकता है। वहीं खनन न होने की वजह से बिल्डिंग मैटीरियल लगातार महंगा होता जा रहा है। मौरंग की ट्रक करीब दो लाख रुपये कीमत तक पहुंच चुकी है जिससे निर्माण कार्य ठप हो चुके है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पिछली कैबिनेट में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार अब खनन की शार्ट टर्म पॉलिसी लाने जा रही है। इसके लिए उप्र खनिज नियमावली में संशोधन किया जाएगा। इसके तहत बालू, मौरंग की तत्काल व्यवस्था के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले सामान के वैध ट्रांजिट परमिट को यूपी में भी मान्य किया जाएगा। साथ ही डीएम अब ई-टेंडरिंग के माध्यम से छह माह के लिए दस एकड़ तक का खनन का पट्टा दे सकेंगे। ई-टेंडरिंग में जो ज्यादा पैसा देगा, खनन का पट्टा उसे ही मिलेगा। इससे सरकार को ज्यादा राजस्व की प्राप्ति भी होगी। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट मूवमेंट के लिए एमएम-11 परमिट इश्यू किया जाएगा। वहीं राज्य सरकार इस दरम्यान लांग टर्म पॉलिसी तैयार करके उसे लागू करने की कवायद करेगी।