शहर में अधिकांश स्कूली वैन और ऑटोज में लगे हैं अवैध एलपीजी किट, कभी भी हो सकता है बड़ा खतरा

- गुरुवार को नदेसर इलाके में गाडि़यों में लगी एलपीजी किट में अवैध रीफिलिंग के दौरान हुए धमाके के बाद खड़े हो रहे हैं कई सवाल

 

 

अगर आप अपने कलेजे के टुकड़े को स्कूल भेजने के लिए किसी गैर स्कूली वाहन यानि वैन या फिर ऑटो का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। क्योंकि आपकी यह लापरवाही आपके बच्चे के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। सुनकर चौकने की जरुरत नहीं है बल्कि अलर्ट होने की जरुरत है। क्योंकि आप जिस वाहन से अपने लाडले या लाडली को स्कूल भेजते हैं हो सकता है उसमें सिलेंडर बम हो। ये बम आपको दिखेगा तो नहीं लेकिन आपके बच्चे के लिए खतरा जरुर पैदा कर सकता है।

 

अब नहीं तो कब चेतेंगे

बच्चों को स्कूल भेजने से पहले सुरक्षा के लिए चेतना इसलिए भी जरुरी है क्योंकि गुरुवार को कैंट थाना क्षेत्र में वरुणा अर्पाटमेंट कॉलोनी में गाडि़यों में अवैध रीफिलिंग के दौरान ब्लास्ट होने से पूरा इलाका दहल गया था। जांच में पता चला है कि जिस गाड़ी में रीफिलिंग हो रही थी वो किसी स्कूल की थी। यानि स्कूलों में चलने वाली गाडि़यों में एलपीजी का यूज हो रहा है। जो आपके बच्चे की जिंदगी खतरे में डाल सकता है।

 

अवैध एलपीजी किट में रसोई गैस करते हैं रिफिल

- अधिकांश स्कूलों में बाहरी गाडि़यां बच्चों को स्कूल पहुंचाती हैं

- इनमें स्कूली व्हेकिल्स के लिए बने रुल्स को भी फॉलो नहीं किया जाता है

- अधिकांश स्कूलों में लगी गाडि़यों का रंग पीला नहीं है

- स्कूली वाहनों के जालियां और खिड़कियां कवर नहीं होती

- अधिकांश गाडि़यों में अवैध रूप से लगा है एलपीजी किट

- वाहनों में घरेलू गैस सिलेंडर का भी करते हैं इस्तेमाल

- आरटीओ की ओर से नहीं किया जाता है इन वाहनों पर कोई कार्रवाई

 

महज 2500 में खेल

- बनारस में अभी सीएनजी का नहीं है कोई पेट्रोल पंप

- महज ढाई से तीन हजार में अवैध रूप से वाहनों में लग जाता है एलपीजी किट

- घरेलु गैस सिलेंडर वाहनों के लिए है बड़ा खतरा

 

आरटीओ को नहीं होश

- 1500 से ज्यादा वाहन स्कूल व्हेकिल के लिए हैं रजिस्टर्ड

- 2500 से ज्यादा का हो रहा शहर में संचालन

- 1000 से ज्यादा गाडि़यां हैं डग्गामार

- 01 साल में 200 गाडि़यों पर ही हुई कार्रवाई

- कार्रवाई में भी सिर्फ डग्गामार वाहनों की हुई पड़ताल

 

कोर्ट का भी आदेश ताक पर

सुप्रीम कोर्ट ने भी स्कूली वाहनों में एलपीजी किट के यूज को गलत बताते हुए 2014 में सभी प्रदेशों को ये सख्त हिदायत दी थी कि स्कूली वाहनों में एलपीजी का इस्तेमाल कतई न हो। इसके लिए जिम्मेदारी आरटीओ संग प्रशासनिक महकमे को सौंपी गई थी लेकिन किसी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई अब तक न होने से धड़ल्ले से एलपीजी लगी गाडि़यां स्कूलों में दौड़ रही हैं।

 

स्कूली वाहनों में एलपीजी पूरी तरह से बैन है। इस सन्दर्भ में जानकारी हुई है और इसके लिए जल्द बड़े लेवल पर अभियान चलाया जायेगा। जो भी वाहन इस तरह से नियम का उल्लंघन कर रहे हैं तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।

आरपी द्विवेदी, आरटीओ

 

स्कूली वाहनों को लेकर समय-समय पर अभियान चलता है। नियमों को ताक पर रखकर चलने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पैरेंट्श को भी थोड़ा अलर्ट होकर बच्चों को स्कूली वाहनों से ही भेजना चाहिए।

सुरेश चंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक