- बाकी 2100 वाहनों में हो रही हैं अवैध तरीके से रिफिलिंग

- कार मार्केट में खुलेआम बिक रहे हैं अवैध रिफिलिंग पम्प

BAREILLY:

शहर में एलपीजी किट लगे 2100 वाहनों में जान जोखिम में डालकर अवैध तरीके से डोमेस्टिक गैस की रिफिलिंग हो रही है। जी हां, आरटीओ में टोटल 2500 एलपीजी किट लगे वाहन रजिस्टर्ड हैं। लेकिन फिलिंग स्टेशन पर गिने-चुने लोग ही फ्यूल भरवाने जाते हैं। बाकी के लोग रिफिलिंग पम्प से खुद या फिर रिफिलिंग सेंटर पर जाकर अवैध तरीके से वाहन में फ्यूल भरवा रहे हैं। जो कि किसी भी समय एक बड़े हादसे को दावत दे सकते हैं।

फिलिंग स्टेशन पर आते हैं 400 वाहन

बरेली में दो एलपीजी फिलिंग स्टेशन हैं। इनमें से एक डेलापीर चौराहा और दूसरा करमपुर चौधरी में है। इन फिलिंग स्टेशन पर रोजाना 300 से 400 वाहन ही फ्यूल भरवाने के लिए आते हैं। इसमें भी दर्जनों वाहन बाहरी जिलों के होते हैं। जबकि, आरटीओ में रजिस्टर्ड एलपीजी वाहनों की संख्या करीब 2500 है। फिलिंग स्टेशन ओनर्स का कहना है कि अवैध रिफिलिंग होने के कारण ही फिलिंग स्टेशन पर रिफिलिंग कराने आने वालों की संख्या बेहद कम है। यदि, अवैध रिफिलिंग पर रोक लगे तो यह संख्या दोगुनी हाे जाएगी।

यह हैं अवैध रिफिलिंग के अड्डे

शहर में अवैध रिफिलिंग के अड्डे आधा दर्जन से अधिक जगहों पर है। इनमें से जो प्रमुख हैं वह तिरंगा होटल वाली गली, चौपुला फल मंडी के पास, कटरा चांद खां, जवाहर मार्केट, संजय नगर और जोगी नवादा में हैं। जो कि 30 से 50 रुपए लेकर रिफिलिंग का काम करते हैं। वैसे ज्यादातर वाहन स्वामियों ने मार्केट से रिफिलिंग पम्प ही खरीद रखे हैं। जो कि जान जोखिम में डाल जरूरत पड़ने पर वाहनों में रिफिलिंग करते हैं।

हादसे के इंतजार में अधिकारी

अवैध तरीके से बिक रहे रिफिलिंग पम्प और हो रही अवैध रिफिलिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय जिम्मेदार खामोश बैठे हैं। जबकि, प्रशासन, पुलिस और डीएसओ के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह पम्प की अवैध तरीके से बिक्री कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। जबकि, कार मार्केट में खुलेआम 1100 रुपए में हाथ, 3800 रुपए में बैटरी और 5 हजार रुपए में बिजली वाले रिफिलिंग पम्प बिक रहे हैं।

इस बात की जानकारी मुझे नहीं है कि कार मार्केट में वाहनों में एलपीजी की रिफिलिंग के लिए पम्प की बिक्री हो रही है। दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को लेटर लिखूंगी।

सीमा त्रिपाठी, डीएसओ

मेरे फिलिंग स्टेशन पर 100 से 200 लोग रोजाना आते हैं। जबकि, इनमें से कई लोग बाहरी होते हैं। शहर में हो रही अवैध रिफिलिंग पर यदि रोक लग जाए तो यह संख्या दोगुनी हो सकती है।

रिषि गोयल, ओनर, फिलिंग सेंटर