- अब कबड्डी के खिलाड़ी बने एलयू की लचर व्यवस्था का शिकार

- हरियाणा में एक से चार जनवरी से होनी है नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी कबड्डी प्रतियोगिता

- हाल ही में लखनऊ में आयोजित हुई एनुअल एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हुई मारपीट

LUCKNOW:

लखनऊ यूनिवर्सिटी खिलाडि़यों के साथ खेल करने से बाज नहीं आ रहा है। खिलाडि़यों को लेकर यहां पर रोजाना नये-नये खुलासे हो रहे हैं। गुरुवार को यूनिवर्सिटी की लापरवाही का एक और मामला प्रकाश में आया जिसमें कबड्डी खिलाडि़यों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की बात सामने आ रही है। दरअसल, रोहतक (हरियाणा) में एक से चार जनवरी तक नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी कबड्डी टूर्नामेंट (महिला) होना है। जिसमें यूनिवर्सिटी के कबड्डी खिलाडि़यों को भी शामिल होना था, लेकिन यूनिवर्सिटी की लापरवाही की वजह से अब तक इन खिलाडि़यों को ट्रायल भी नहीं हो सका है। जबकि खिलाडि़यों का कहना है कि वह इस प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल पर पहुंच चुके हैं। बताया कि प्रतियोगिता में मिलने वाले सार्टिफिकेट से सरकारी नौकरी में काफी हेल्प मिलती है। ऐसे में यूनिवर्सिटी की लचर व्यवस्था ने इनके इरादों पर पानी फेर दिया। इस संबंध में जब लखनऊ यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इससे पल्ला ही झाड़ लिया। कहा कि टूर्नामेंट की डेट बदल चुकी है जबकि इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी के अलावा अन्य टीमें वहां पहुंच गई हैं।

नहीं कराया अब तक ट्रायल

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक (हरियाणा) में एक से चार जनवरी तक नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी कबड्डी टूर्नामेंट (महिला) होना है। यूनिवर्सिटी ने नेट पर जो फिक्चर्स डाल रखी है, उसमें यह स्पष्ट दिखाया जा रहा है कि उनका पहला मैच डॉ। आरएमएलए फैजाबाद के साथ एक जनवरी को होना है। इसके उद्घाटन में अब एक दिन शेष बचा है, लेकिन इस टूर्नामेंट के लिए यूनिवर्सिटी ने अभी तक खिलाडि़यों का ट्रायल ही नहीं कराया। यह हाल तब है जब यहां पढ़ रही लड़कियों ने इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत भी कराया। इसको लेकर जब उन्होंने स्पोटर्स ऑफिस में मौजूद बाबू एके बाजपेई से बात की तो उन्होंने टूर्नामेंट की कोई जानकारी ना होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया।

क्वार्टर फाइनल तक पहुंची टीम

महिला खिलाडि़यों ने बताया कि नार्थ जोन में महिला टीम क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय कर चुकी है। इस बार हमारी टीम में कई अच्छे खिलाड़ी थे, ऐसे में हम लोग वहां पर चैम्पियन भी बन सकते थे। बताया कि टूर्नामेंट में मिलने वाले सर्टिफिकेट से उन्हें सरकारी नौकरी में भी हेल्प मिलती है। यूपी खेल विभाग में तदर्थ प्रशिक्षकों के लिए भी इसका सर्टिफिकेट मांगा जाता है। ऐसे में टीम के वहां ना पहुंचने से केवल उनका ही नुकसान हो रहा है। जो 12 खिलाड़ी जाने वाले थे अब उन्हें यह सर्टिफिकेट नहीं मिल पाएगा।

जनरल टिकट पर गए खिलाड़ी

खिलाडि़यों ने बताया कि अक्टूबर के अंत में नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी कबड्डी टूर्नामेंट दिल्ली में हुआ था। खिलाडि़यों ने वहां जाने के लिए जब गुहार लगाई तब जाकर अधिकारी चेते। अधिकारियों ने आनन-फानन में खिलाडि़यों को जनरल डिब्बे वहां भेजा। इतना ही नहीं टीम को किट तक नहीं दी गई। ऐसे में खिलाडि़यों ने अपने पास से किट की व्यवस्ा की।

यहां क्या चल रहा है यह तो आपको मालूम है। रही बात नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी की तो इसकी डेट बदल दी गई है। हमारी जानकारी के अनुसार 20 जनवरी से यह प्रतियोगिता होनी है।

देश दीपक, सचिव

लखनऊ यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स एसाेसिएशन

एनुअल एथेलेटिक्स में हो चुकी है मारपीट

कुछ दिन पहले ही लखनऊ यूनिवर्सिटी में एनुअल एथलेटिक्स मीट का आयोजन हुआ था। इस मीट में पहले दिन ही खिलाडि़यों, शिक्षकों और ऑफीशियल में जमकर विवाद हुआ और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। इसके बाद आयोजकों ने ऑफीशियल्स को भगा दिया और यह आरोप लगाया कि उन लोगों ने अधिक पैसे की डिमांड की थी। जबकि लखनऊ जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लिख कर बताया कि इस टूर्नामेंट के लिए वह निशुल्क ही ऑफिशियेटिंग करने का तैयार थे। यह नेशनल लेवल की प्रतियोगिता होती है। एसोसिएशन के सचिव बी आर वरुण ने कहा कि यहां पर हर साल एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मारपीट होना आम बात है, लेकिन हर बार हम लोग खेल का हिस्सा होने के कारण आ जाते थे। अब हम इस प्रतियोगिता का बॉयकाट करेंगे। हमारा कोई भी ऑफीशियल इनके यहां नहीं जाएगा।

वापस लौट आई टीम

लगभग तीन साल पहले कोलकाता में हुई ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी को वहां भेज दिया गया था, लेकिन जब खिलाड़ी वहां पहुंच गए तो पता चला एलयू ने वहां पर एंट्री ही नहीं भेजी। ऐसे में खिलाडि़यों को वहां खेलने का मौका नहीं दिया गया और टीम को बैरंग वापस भेज दिया गया।

हुई थी छेड़छाड़

लखनऊ यूनिवर्सिटी में इसी साल नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी हॉकी टूर्नामेंट आयोजित किया गया था। इसमें कई यूनिवर्सिटी की टीमों ने पार्टीसिपेट भी किया। इस टूर्नामेंट में मुकाबले के दौरान लड़कियों से छेड़छाड़ हुई। रोहतक यूनिवर्सिटी की लड़कियां जब वार्म अप कर रही थी तब लड़कों ने उन्हें टच करने का प्रयास किया, लेकिन आयोजक छेड़छाड़ करने वालों को रोकने की बजाय खुद के बचाव में जुट रहे।

एक खिलाड़ी बचपन से तैयारी करता है तब जाकर इन मुकाबलों में पार्टीसिपेट का मौका मिलता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने वीमेंस के लिए ट्रायल ना करवा कर और टीम ना भेज कर खिलाडि़यों के कॅरियर के साथ खिलवाड़ किया है। अब यह मौका वापस नहीं मिलने वाला।

रचना यादव, पूर्व नेशनल प्लेयर

ऑफीशियल प्राे. कबड्डी

जिस सर्टिफिकेट पर खिलाडि़यों को नौकरी मिलती है उनसे यह मौका छीनना बेहद गलत है। अब यह मौका दोबारा नहीं मिलने वाला है। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए।

शांति वर्मा, नेशनल प्लेयर, कबड्डी