- यूनिवर्सिटी की सेंटर लिस्ट में छह से ज्यादा कॉलेज दागी

- बीते एग्जाम में इन कॉलेजों में हो चुकी है नकल की पुष्टि

lucknow@inext.co.in LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। एसपी सिंह एक मार्च से शुरू होने वाले एनुअल एग्जाम को नकल विहीन कराने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के अधिकारी उनकी इस कोशिश को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। दरअसल, वीसी ने अधिकारियों से ऐसे कॉलेज को सेंटर बनाने से मना किया था जहां पर बीते साल एग्जाम के दौरान नकल की सूचना मिली थी। इसके बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दागी कॉलेजों को सेंटर बना दिया। इस बार एलयू ने 50 कॉलेजों की जगह 39 कॉलेजों को एग्जाम सेंटर बनाया है। जिसमें से करीब छह कॉलेजों में नकल की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि एग्जाम सेंटर बनाने में दूरी का प्रावधान होता है। कई जगह दूसरे कॉलेज नहीं होते हैं। जिसकी वजह से उन्हें सेंटर बनाना हमारी मजबूरी है।

बहु को नकल कराने वाले को बनाया सेंटर

बीते साल माल के आदर्श सतेंद्र कॉलेज को सेंटर बनाया गया था। पिछले एग्जाम में इस कॉलेज के मैनेजर पर अपनी बहू को अलग कमरे में एग्जाम दिलाने का आरोप लगा था। साथ ही लगातार कई दिनों तक फ्लाइंग स्क्वायड ने इस सेंटर पर नकल पकड़ी थी। वहीं सिटी कॉलेज में दिसंबर में हुए सेमेस्टर एग्जाम में फ्लाइंग स्क्वायड ने लगातार तीन दिन तक स्टूडेंट्स को पर्ची से नकल करते हुए पकड़ा था। यहां तक सेंटर पर सामूहिक नकल की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद भी न तो इस कॉलेज पर कोई कार्रवाई हुई न ही इसे सेंटर्स की लिस्ट से बाहर किया गया। इसी तरह से राधेश्याम कॉलेज, लखनऊ डिग्री कॉलेज, रजत ग‌र्ल्स कॉलेज समेत कई ऐसे कॉलेजों को सेंटर बनाया गया है। जिन पर पहले नकल का आरोप लगा चुका है।

सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों को दिया स्वकेंद्र का फायदा

एलयू में वैसे तो सभी स्टूडेंट्स के एग्जाम सेंटर पर कराने का नियम है। पर, इस बार यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कई सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों पर मेहरबानी करते हुए उन्हें स्वकेंद्र का लाभ दिया है। जहां एडेड कॉलेजों क ा सेंटर दूसरे कॉलेजों में भेजा गया है जबकि सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के एग्जाम उन्हीं के कॉलेज में होंगे। इसमें एसएमएस, महेश प्रसाद, आदर्श सतेंद्र, बोरा कॉलेज, सिटी कॉलेज और ज्ञानोदय डिग्री कॉलेज समेत एक दर्जन कॉलेजों के नाम शामिल हैं। इतना ही नहीं जो ग‌र्ल्स कॉलेज नहीं हैं उन्हें भी स्वकेंद्र की सुविधा दी गई है। जबकि एडेड में सिर्फ ग‌र्ल्स कॉलेजों को छोड़कर किसी को स्वकेंद्र की सुविधा नहींी गयी है।

जहां पर नकल होने की संभावना है उन सेंटर्स पर विशेष नजर रखी जाएगी। कोई भी सूचना मिलने पर वहां पर पर्यवेक्षक बैठा दिया जाएगा। साथ ही नकल की पुष्टि होने पर दस प्रतिशत सीटें कम हो जाएंगी।

प्रो। एके शर्मा, परीक्षा नियंत्रक