40 से 50 परसेंट तक बढ़ जाती है खपत

पिछले साल बिजली की मांग 1650 मेगावाट तक पहुंच गई थीइस बार 1800 मेगावाट की ऊंचाई तक छूने को मजबूर हैपूरे प्रेदश में बिजली की उपलब्धता केवल 8 हजार मेगावाट हैऐसे में लखनऊ के लिए कैसे दे पाएंगे 1800 मेगावाट बिजलीलखनऊ के पीक आवर्स में डिमांड 850 से 900 मेगावाट के बीच है, लेकिन सप्लाई है 650 मेगावाटऐसे में बिजली की कटौती वाजिब हैज्यादातर सब स्टेशन में 10 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगे हैं तो उसकी क्षमता 20 एमवीए हुईलेकिन इस सब स्टेशन में कन्ज्यूमर्स की डिमांड है 25 एमवीएऐसे में फीडर को बारी-बारी से बंद किया जाता है.

यह अपनाते हैं फॉर्मूला

रिहायशी इलाकों में रात में कटौती तो कामर्शियल इलाके में दिन में कटौती की जाती हैवजह है कि कामर्शियल इलाकों में दिन की डिमांड ज्यादा रहती है, जबकि रिहायशी इलाकों में रात कोऐसे में बैलेंस बनाए रखने के लिए यह फार्मूला अपनाया जाता है

मीटिंग से पॉवर कंट्रोल की तैयारी

लखनऊ में पॉवर कंट्रोल करने के लिए एमडी अपने जूनियर को और उनके जूनियर अपने जूनियर के साथ मीटिंग कर नये-नये टार्गेट दे रहे हैंलेकिन कटौती से कैसे निपटा जाए इसका तोड़ अधिकारियों के पास फिलहाल नजर नहीं आ रहा हैपहली अप्रैल को यूपीपीसीएल के एमडी ने मध्यांचल विद्युत निगम के अधिकारियों से बिजली की किल्लत से निपटने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं

जहां ज्यादा है जरूरत

अधिकारियों का कहना है हम उन स्थानों पर ट्रांसफार्मर के लोड बढ़ा रहे हैं जहां पॉवर की जरूरत ज्यादा हैक्लाइव रोड और दारुल शफा में लगे ट्रांसफार्मर का लोड आठ एमबी से बढ़ा कर 10 एमबी किया जा रहा हैसाथ ही हीवेट रोड के ट्रांसफार्मर को भी हटा कर ज्यादा कैपिसिटी का ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा हैइसके अलावा राजाजीपुरम और कपूरथला पर भी लोड बढ़ाया जाएगा

यहां है सबसे ज्यादा बिजली की खपत

लखनऊ में सबसे ज्यादा बिजली का कंजप्शन गोमती नगर क्षेत्र से हो रहा हैयहां ना सिर्फ कई मल्टीनेशनल कंपनियों के आफिस हैं, बल्कि कई बड़े हास्पिटल जैसे लोहिया, सहारा, मेयो और मेट्रो हॉस्पिटल शामिल हैंइनके अलावा गोमती नगर में एक दो नहीं, बल्कि चार-चार शापिंग माल भी यहां बिजली कंजंप्शन में शामिल हैंविस्तार में इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप हो रहा है

यहां से होती है सबसे अधिक अर्निंग

सबसे ज्यादा कंजप्शन होने की वजह से सबसे ज्यादा रेवेन्यू भी बिजली विभाग को इसी एरिया से हासिल होता हैतीन-तीन शापिंग माल और बड़े होटल इस एरिया के इतना रेवेन्यू दे देते हैं, उतना शायद ओल्ड सिटी का एक सब स्टेशन में रहने वाले कंज्यूमर ना दे पाते होंयहां से 18 से 19 करोड़ रुपये का रेवेन्यू डिपार्टमेंट को हासिल होता है

क्या कहते हैं अधिकारी

लखनऊ के लेसा के जीएम मयंक सिंघल कहते हैं कि गर्मी से निपटने की तैयारी की जा रही हैइसके लिए चार फेज में काम कराया जा रहा हैपहले फेज में कम कैपिसिटी के ट्रांसफार्मर चेंज किये जा रहे हैंहर डिवीजन में वैकल्पिक ट्रांसफार्मर की कोई कमी नहीं होगी

बिजली की जरूरत कितनी

- पिछली गर्मी में राजधानी में 18 लाख यूनिट की प्रतिदिन की जरूरत सामने आईलेकिन लेसा केवल 12 लाख यूनिट की जरूरत ही पूरी कर पाई

- पिछले एक साल में बिजली की डिमांड बढ़ गई 15 फीसदी

- पिछले साल बिजली की मांग 1650 मेगावाट तक पहुंच गई थीइस बार 1800 मेगावाट की ऊंचाई तक छूने को मजबूर है.

- पूरे प्रेदश में बिजली की उपलब्धता केवल 8 हजार मेगावाटऐसे में लखनऊ के लिए कैसे दे पाएंगे 1800 मेगावाट बिजली

- लखनऊ में पीक आवर्स में डिमांड 850 से 900 मेगावाट क बीच पर सप्लाई है 650 मेगावाट

- ओवरलोडिंग और ब्रेकडाउन के चलते नहीं पूरी हो पाएगी डिमांड

- ज्यादातर 33 केवी उपकेन्द्र ओवरलोडिंग की चपेट में

- शहर के 1200 ट्रांसफार्मर को करना है दुरुस्त

900 की तुलना में सिर्फ 500 एमएलडी पानी

पानी की सप्लाई- क्षमता- आपूर्ति

ऐशबाग जलकल- 225- 200

बालागंज जलकल- 100- 80

थर्ड वाटर वर्क- 80- 60

पानी की स्थिति

- अलीगंज के सभी नलकूपों का वॉटर लेवल घटकर पहुंचा 40 फीट के नीचे

- जलसंस्थान के आंकड़ों के मुताबिक शहर में 743 एमएलडी पानी देने का दबाव है लेकिन सच्चाई यह है कि 500 एमएलडी पानी की आपूर्ति ही हो रही है

- ऐशबाग वॉटर वर्क में पानी की कमी होने से ऐशबाग से लेकर बालागंज तक इलाकों में दो दिन तक पानी की किल्लत हो जाती है.

11 मई के बाद कायदे से होगी आपूर्ति

गोमतीनगर में बने थर्ड वॉटर वर्क को पानी की आपूर्ति करने वाली शारदा सहायक नहर को बंद कर दिया गया हैइससे इंदिरानगर और गोमतीनगर में पानी की सप्लाई अब कम दबाव में होगीनहर बंद होने से 65 एमएलडी की जलापूर्ति को कम कर 40 एमएलडी पर लाया जाएगाकठौता झील में 850 मिलियन लीटर पानी जमा कर लिया गया है। 11 मई के बाद ही थर्ड वाटर वर्क से पानी की सप्लाई होगी