बदला जाए ताजमहल का नाम

लखनऊ के एक वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में ताजमहल के नाम में बदलाव करके तेजो महालय किए जाने की दरख्वास्त की गई है. इस मामले में गृह मंत्रालय, पुरातत्व विभाग एवं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है. जैन का कहना है कि ताजमहल पूर्व में तेजो महालय के नाम से फेमस था. यहां भगवान शिव का एक काफी बड़ा और फेमस मंदिर था. इसके बाद शाहजहां ने मंदिर में कब्रें बनवाईं. इनका इस मंदिर से कोई लेना देना नहीं है.

आखिर क्यों बंद है एक खास हिस्सा

जैन ने अपनी याचिका में सवाल उठाया कि पुरातत्व नियमों के आधार पर यह मान्य नहीं है कि किसी पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारत के किसी खास हिस्से को बंद करके रखा जाए. इसके बावजूद ताजमहल में सबसे नीचे के तल को बंद करके रखा गया है जिसे खोला जाना चाहिए. इसके अलावा वादी ने ताजमहल में उर्स की रस्म को भी बंद कराए जाने की मांग की. याचिका में कहा गया है कि जब ताजमहल के तेजो महालय होने से संबंधित सभी प्रमाण उपलब्ध हैं तो इस इमारत को हिंदुओं के लिए सामान्य रूप से खोला जाना चाहिए.

पुरातत्व विभाग को जानकारी नहीं

पुरातत्व विभाग से जब इस परिवाद के बारे में पूछा गया तो विभाग ने कहा कि उन्हें इस संबंण में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. इससे पहले कोर्ट ने इस तरह की याचिकाओं को जनहित की श्रेणी में ना मानकर याचिकाओं को रद कर दिया था. लेकिन वकील राजेश कुलश्रेष्ठ ने कहा इस बार कोर्ट में वाद दाखिल हो चुका है. गृह मंत्रालय, पुरातत्व विभाग एवं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भी नोटिस भेजे गए हैं. इस संबंध में सुनवाई 13 मई के बाद शुरु होगी.

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