- एमबीए मामले पर भी एलयू ने आईटी से की पूछताछ

- सेल्फ फाइनेंस कोर्स की शिकायतों पर भी मांगा जवाब

LUCKNOW : ईसाबेला थॉबर्न ग‌र्ल्स पीजी कॉलेज की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यूनिवर्सिटी ने बीएड के फर्जीवाड़े के बाद आईटी कॉलेज प्रशासन से एमबीए या फिर किसी दूसरे कोर्स की संबद्धता किसी अन्य यूनिवर्सिटी से ली है तो उसकी जानकारी मांगी है। साथ ही एलयू ने कॉलेज से दस बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके लिए सात दिनों का समय दिया है। यह नोटिस कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल की ओर से भेजा गया है। सीडीसी का कहना है कि बीते कुछ वर्षो में कॉलेज में कोर्स चलाने से लेकर पढ़ाई कराने तक में अराजकता का माहौल पैदा किया गया है। इसी संबंध में कॉलेज से अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

दूसरे यूनिवर्सिटी से संबद्धता का आरोप

सीडीसी की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि कॉलेज ने किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से पीजी और दूसरे कोर्स की संबद्धता प्राप्त कर ली है। इस बारे में कॉलेज की ओर से जो भी जरूरी कदम उठाएं गए है, उससे यूनिवर्सिटी को रूबरू कराएं। ताकि एलयू आरोपों की जांच कर सके। आईटी कॉलेज ने एमबीए कोर्स के लिए यूनिवर्सिटी की जगह डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी से संबद्धता ली थी जो कि नियम के खिलाफ है।

एक पते पर खोल दिये दो कॉलेज

आईटी कॉलेज प्रशासन ने एमबीए की मान्यता लेने के लिए भी खेल किया है। कॉलेज प्रशासन दो कॉलेज के लिए दो-दो यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेकर कोर्स चला रहा है। जबकि इन दोनों कॉलेज (आईटी कॉलेज व आईटी कॉलेज प्रोफेशनल स्टडीज) का पता एक ही है। जबकि दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेने पर कॉलेज को दूसरी जगह नये कोर्स को शुरू करना चाहिये, लेकिन कॉलेज ने एलयू में एमबीए की मान्यता होने के बाद बिना एनओसी लिए दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्धता ले ली। साथ ही एक ही पते पर दोनों कॉलेज खोल दिये। जो लखनऊ यूनिवर्सिटी के नियमों के खिलाफ है।

रेगुलर और सेल्फ फाइनेंस की पढ़ाई के साथ

सीडीसी विभाग का कहना है कि कई अभिभावकों ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह रेगुलर और सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस के क्लासेस एक साथ संचालित करता है। जिस कारण से क्लास रूम में छात्राओं की संख्या ज्यादा हो जाती है। जिसे आधे से ज्यादा छात्राओं को लेक्चर सुनने और पढ़ाई करने में दिक्कत होती है। उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन रेगुलर और सेल्फ फाइनेंस की फीस अलग-अलग लेता है, तो उसे क्लासेस अलग-अलग संचालित करनी चाहिए। जो कि कॉलेज प्रशासन की ओर से नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में भी कॉलेज से जवाब मांगा गया है।

कोट

कॉलेज को करीब दस बिंदुओं पर नोटिस जारी किया गया है, जिसमें दूसरे यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेने पर भी जवाब मांगा गया है। इसके लिए कॉलेज को एक सप्ताह का समय दिया गया है।

प्रो। आरआर यादव, डीन, सीडीसी