Lucknow: किसी भी काम्पटिशन को बीट करने के लिए काम्पटीटिव होना जरुरी है लेकिन इस काम्पटीशन की इंटेशन को अपनी टेंशन नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इस टेंशन को लेकर आप किसी भी एग्जाम में सक्सेज नहीं पा सकते। यह कहना है आईआईटी जेईई में टॉप करने वाले सिटी के स्टूडेंट्स का जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत आईआईटी का सफर तय कर लिया है.
आईआईटी जेईई में आकाश इंस्टीट्यूट के रघुवंश ने 31 रैंक हासिल की है तो फिटजी कोचिंग और आईएएस प्रशांत त्रिवेदी के बेटे राहुल त्रिवेदी ने 42वीं रैंक हासिल करके सिटी का नाम रोशन किया है.
Success में shortcut नहीं
आईआईटी जेईई के एग्जाम में सिटी में टॉप करने वाले रघुवंश सहाय को मैथमेटिक्स बहुत पसंद है। उसकी वजह यह है कि उनके पिता विवेक सहाय और मां मीना सहाय दोनों ही लखनऊ यूनिवर्सिटी के मैथ्स डिपार्टमेंट में टीचर हैं। रघुवंश ने बताया कि आईआईटी जैसे काम्पटीशन को बीट करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि आप के कांसेप्ट बिल्कुल क्लियर हों.
उनका कहना है कि अगर कंसन्ट्रेशन के साथ एक घंटे भी पढ़ा जाए तो वह बहुत होता है। रघुवंश ने बताया कि सक्सेज का कोई शार्टकट नहीं होता। दो महीने की तैयारी के बाद अगर आप सोचते है कि आईआईटी क्रेक कर लेगें तो यह संभव नहीं है। उनका मानना है कि स्टडी के साथ स्टूडेंट्स को अपनी हेल्थ का भी ख्याल रखना चाहिए और इसके लिए सबसे बेहतर है मेडिटेशन.
Tension लेने का नहीं
आईआईटी में अपनी जगह बनाने वाले शांतनु ने बताया कि अगर आप किसी भी काम्पटीशन में शामिल हो रहे हैं तो आप किसी तरह की टेंशन ना लें। कोचिंग या फिर कॉलेज में जब भी टेस्ट होता है तो बहुत से स्टूडेंट्स के अगर उसमें नम्बर अच्छे नहीं आए तो वह टेंशन में आ जाते है.
स्टूडेंट्स को चाहिए कि वह काम्पटीशन की भावना को बरकरार रखें लेकिन टेंशन को करीब ना आने दें। शांतनु ने बताया कि मेहनत लगन और एप्टीट्यूड के जरिए विजय हासिल की जा सकती है। शांतनु ने बताया कि उनकी बहन और भाई दोनों ही इंजीनियर है इसलिए उनका भी हमेशा से सपना रहा कि वह इंजीनियर बने जो आज पूरा हो गया.
Time दें किताबों को
आईआईटी क्रेक करने वाले अनुराग ने बताया कि काम्पटीशन बीट करने के लिए किताबों से अच्छी दोस्ती होनी चाहिए। मेरा बड़ा भाई भी इंजीनियर है हम दोनों को ही हमेशा से मशीनों से लगाव रहा है। अक्सर मैं और भाई मिल कर घर में खराब सामान को बनाने के लिए जूझा करते थे और बना भी लेते थे.
अनुराग का कहना था कि वह आगे चल कर रिसर्च फील्ड में जाना चाहते है। आईआईटी क्रेक करने वाले रणविजय का कहना है कि सुबह की स्टडी बेस्ट होती है। उनका मानना है कि आईआईटी में बेहतर रैंक लाने के लिए स्टूडेंट्स को सिर्फ चंद किताबों पर ही बेस नहीं होना चाहिए.
Dedication होना जरुरी है
आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट के शुभम राना ने बताया कि पढ़ाई के लिए डेडिकेशन होना बहुत जरुरी है। मैने क्लास टेंथ में ही तय कर लिया था कि मुझे इंजीनियर बनना है। उसके बाद से मैंने इसकी तैयारी करना शुरु कर दी थी। वही वंशिका श्रीवास्तव ने बताया कि पढ़ाई के लिए कोई टाइम फिक्स नहीं होता है। लेकिन जितना भी पढ़ा जाए फुल कंसन्ट्रेशन के साथ पढऩा चाहिए.
आईआईटी क्रेक करने वाली परिणीता और अनुमिता ने बताया कि सेल्फ स्टडी के साथ साथ काम्पटीशन की तैयारी करने के लिए एक्सपर्ट का गाइडेंस भी बहुत जरुरी होता है। क्योंकि अब काम्पटीशन में टाइम मैनेजमेंट की सबसे ज्यादा वैल्यू होती है। अगर आप को सारे सवाल आते भी है और आप टाइम मैनेज नहीं कर पाए तो सब बेकार है। इंदिरानगर स्थित ईआरडीआर के डायरेक्टर पुनीत ने बताया कि इस इंस्टीट्यूट से 18 बच्चों ने बाजी मारी है.
इंजीनियर पहले बन गए
आईआईटी जेईई में शमिल होने वाले बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे हैं  जो इंजीनियर पहले बन गए और इंटर का एग्जाम बाद में पास करेंगे। जी हां इंटरमीडिएट का रिजल्ट अभी आया नहीं लेकिन उससे पहले आईआईटी का रिजल्ट आ गया। बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने इंटर के साथ साथ इंजीनियरिंग के एग्जाम भी दिए थे जिसमें वह सेलेक्ट हो गए.
आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट शांतनु ने बताया कि उनका रिजल्ट शनिवार को आ रहा है। मगर शुक्रवार को आईआईटी में सफलता मिलने के बाद उनको डबल खुशी मिल गई। शांतनु के अलावा अनुराग, रणविजय और गौरव समेत दर्जनों स्टूडेंट्स ऐसे है जिनका रिजल्ट या तो कल आ रहा या फिर बाद में। इसके अलावा बहुत से स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को बिट्स पिलानी का एग्जाम भी दिया लेकिन आईआईटी में सलेक्शन के बाद उस एग्जाम की टेंशन उनके चेहरे पर नजर नहीं आ रही थी.
यूपी बोर्ड रहा फिसड्डी
आईआईटी जेईई में जहां आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स का दबदबा रहा तो वहीं यूपी बोर्ड इस काम्पटीशन में फिसड्डी साबित हुआ। फिटजी से 100 के करीब स्टूडेंट्स आईआईटी में सलेक्ट हुए है इनमें से सिर्फ अभिलाष ही यूपी बोर्ड से है। इसके साथ एक दो और स्टूडेंट्स यूपी बोर्ड के आईआईटी में सलेक्ट हुए हैं.
इंजीनियर इंजीनियर, भाई भाई
रूबिक्स रोस्ट्रम कोचिंग से तैयारी करने वाले दो सगे भाई अमन और गौरव ने एक साथ आईआईटी का एग्जाम क्रेक किया है। अमन ने बताया कि हम दोनों एक साथ मिल कर एग्जाम की तैयारी करते थे। वहीं गौरव का कहना था कि अगर हम दोनों मिल कर स्टडी करते थे जिससे एक दूसरे की प्राब्लम सॉल्व करने में कोई परेशानी नहीं होती थी.

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