गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाले चंद्रग्रहण का इलाहाबाद में व्यापक असर

ALLAHABAD: सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण का व्यापक असर पूरे देश के साथ ही इलाहाबाद में भी दिखेगा। गुरु पूर्णिमा के दिन यानि 27 जुलाई को तीन घंटे से अधिक समय तक लगने वाले चंद्रग्रहण की वजह से मंदिरों का कपाट सूतक काल में करीब तेरह घंटे तक बंद रहेगा। इसे लेकर शहर के दशाश्वमेध मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, नागवासुकि मंदिर, मां ललिता देवी व बड़े हनुमानजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों के व्यवस्थापकों की ओर से भक्तों को सूचित किया जाने लगा है। मां कल्याणी देवी मंदिर प्रबंध समिति के महामंत्री पंडित श्यामजी पाठक ने बताया कि जिज्ञासा की वजह से रोजाना मंदिर आने वाले भक्तों को सूतक काल की टाइमिंग की जानकारी दी जा रही है।

चंद्रग्रहण का समय व सूतक काल

ग्रहण का स्पर्श काल : 27 जुलाई की देर रात 11.54 बजे

ग्रहण का मोक्ष काल : भोर में 3.49 बजे यानि 28 जुलाई

सूतक काल : दोपहर 2.30 बजे से लेकर 2.54 बजे तक

ब्रह्मा मुहूर्त में होगा पूजन-अर्चन

चंद्रग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण की समाप्ति के बाद ब्रह्मम मुहूर्त में ही मंदिरों का कपाट खोला जाएगा। दशाश्वमेध मंदिर के पुजारी विमलेश गिरि ने बताया कि 28 जुलाई को भोर में चार बजे ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर का कपाट खोला जाएगा। इसके बाद भगवान शिव का विधि विधान से पूजन-अर्चन और भस्म आरती उतारी जाएगी।

सूतक काल से पहले पूर्णिमा उत्सव

27 जुलाई को मठ मंदिरों से लेकर स्कूल कालेजों में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। हालांकि मठ मंदिरों में सूतक काल से पहले ही पूजन-अर्चन उत्तम रहेगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली की मानें तो सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश निषेध और मूर्ति स्पर्श नहीं किया जाएगा।

गुरु पूर्णिमा वाले दिन लगने वाला ग्रहण 233 मिनटों तक रहेगा। इस दिन पूर्णिमा का उत्सव व उससे संबंधित पूजन-अर्चन सूतक काल प्रारंभ होने से पहले कर लेना श्रेयस्कर होगा।

पं। विद्या कांत पांडेय, ज्योतिषाचार्य

मंदिर परिसर में रोजाना दर्जनों श्रद्धालु आ रहे है जिन्हें ग्रहण की टाइमिंग से लेकर सूतक काल में कपाट बंद होने की जानकारी दी जा रही है।

हरि मोहन वर्मा, महामंत्री, मां ललिता देवी प्रबंध समिति