केस : 1
अमित कुमार और अरुणा गर्ग दोनों ही विकलांग है। दोनों ने 23 मई को शादी अनुदान योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि के अप्लाई किया। लेकिन जिला विकलांग ऑफिस ने फॉर्म रिजेक्ट कर दिया। रिजेक्ट में दिखाया गया कि आवेदन पत्र में अमित ने दोनों की शादी का वर्ष 2008 में दिखाया है कि जबकि शादी शादी 2001 में हुई थी।
केस : 2
विरेंद्र कुमार की शादी सीता देवी से मई में ही हुई हैं। दोनों ही विकलांग है। विरेंद्र ने अनुदान के लिए आवेदन किया। जांच के बाद जो बात सामने निकलकर आई वो चौंकाने वाली थी। विरेंद्र मूल रूप सहारनपुर का है। वहीं रह रहा है। राशि के लिए अपना मूल पता रिठानी का लिखवाया हुआ है। ये बात शादी के कार्ड से सामने आई।
केस : 3
अंकुर और अर्चना की शादी को ज्यादा दिन नहीं बीती है। दोनों ही विकलांग है। ग्राम छुर्र निवासी ने आवेदन किया। जांच हुई तो पता चला कि अमित ने आवेदन पत्र में अपनी 21 लिखी हुई है वो गलत है। अमित और अर्चना दोनों ही उम्र 19 है।
- विकलांग प्रोत्साहन राशि के बदलाव आने के बाद कई मामले आ रहे हैं फर्जी
- एज, एड्रेस और फर्जी प्रमाण देकर प्रोत्साहन राशि की कर रहे हैं डिमांड
Meerut : शादी अनुदान योजना के तहत मिलने वाले राशि को पाने के लिए कई लोग कई तरह के जुगाड़ में जुट गए है। जबसे अनुदान राशि में बढ़ावा मिला है तब से ये फर्जीवाड़ा और भी बढ़ गया है। ऊपर दिए तीनों ही एग्जापल सिर्फ बानगी भर हैं। ऐसे केस जिला विकलांग विभाग में इस तरह केस हर महीने देखे जा रहे हैं।
19 में से 8 निरस्त
अधिकारियों के अनुसार नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद अनुदान राशि पाने के लिए पूरे जिले से अभी तक 19 आवेदन आ चुके हैं। लेकिन इन आवेदनों में 8 आवेदनों को इसलिए निरस्त कर दिया गया क्योंकि आवेदन पत्र में गलत इंफोर्मेशन दी थी। जोकि जांच के बाद पकड़ में आया। अधिकारियों की मानें तो कई बार लोग जानबूझकर गलत इंफोर्मेशन देते हैं। जबकि कई लोग दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं।
इस तरह से कर रहे हैं फर्जीवाड़ा
- आयु कम होने पर अधिक दिखाना।
- शादी के बाद का प्रमाण दिखाकर आवेदन करना।
- मौजूदा आयु से अपनी आयु कम बताना।
- शादी की डेट फर्जी दिखाना।
- विकलांग प्रमाण पत्र ही न होना।
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मिलते हैं 15 से 20 हजार रुपए
विकलांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत पति अथवा पत्नी के विकलांग होने पर 15 हजार और दोनों के विकलांग होने की स्थिति में 20 हजार रुपए का प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
वर्जन
इस तरह के कई केस आ रहे हैं। अधिकतर केस दलालों की ओर से आते हैं। उनकी जांच की जाती है तो फर्जी निकलता है। ये राशि प्रोत्साहन के रूप में जाती है। ताकि बाकी लोगों का हौसला बढ़ सके।
- यतेंद्र कुमार, जिला विकलांग अधिकारी, मेरठ