कौन है रश्मि

सुल्तानपुर के सीबी सिंह की इकलौती बेटी रश्मि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एमएससी की डिग्र्री हासिल करने के आखिरी मुकाम पर थी। नैनी के गंगोत्री नगर में किराये के रूम में तकरीबन एक बजे रश्मि फांसी के फंदे पर झूलती मिली। इसी मकान में रहने वाली बीटेक की स्टूडेंट प्रीति ने रश्मि का दरवाजा नॉक किया। दरवाजा न खुलने पर उसने मकान मालिक को खबरदार किया। रोशनदान से अंदर का नजारा देखने पर पता चला कि अंदर रश्मि नहीं, उसकी लाश है। पुलिस ने दरवाजा की कुंडी तोड़कर लाश बरामद की।

कल रात से दोपहर तक

रश्मि की मौत पर सब अवाक हैैं। कल रात वो इसी मकान में रहने वाली बाकी स्टूडेंट्स के रूम में गई थी। ब्लूटूथ से उसने एक खास गाना डाउनलोड किया। मौला मेरे मौला उसके बाद बिल्डिंग में रहने वाली बाकी स्टूडेंट्स से उसकी मुलाकात नहीं हुई। होती भी कैसे। बाकी स्टूडेंट्स का एग्जाम था और वो सभी सुबह जल्दी निकल गई। रश्मि तकरीबन नौ बजे तक जिंदा थी। इसकी तस्दीक उसके मोबाइल कॉल की डिटेल से होती है। आखिरी बार उसकी बात अपनी सहेली से हुई। इस बातचीत में भी सहेली के मुताबिक इस बात का कोई हिंट नहीं था कि रश्मि जान देने का इरादे पाले हुए है। उसने नॉर्मल बात की। हाल-चाल पूछा। कुछ ऐसा नहीं कि शुबहा हो सके।

फिर क्या हुआ

रश्मि को जाना था। उसने खुदकुशी का रास्ता चुना। मर गई। लेकिन परिवार के पास उसकी मौत के साथ एक और दर्द है। एक सवाल। जिसके साथ उसका परिवार हमेशा जियेगा। आखिर क्यों? क्यों उसने मौत का रास्ता चुना। रश्मि को जानने वाले बताते हैैं कि वो ऐसी नहीं थी। इतनी कमजोर तो बिल्कुल नहीं कि मामूली बात से घबरा जाए। रश्मि के बुजुर्ग पिता अपने दो जवान बेटों के साथ रश्मि की लाश को ले जाने के लिए इलाहाबाद आ गए हैैं। रश्मि उनकी इकलौती बेटी थी। हर मिलने वाले से, रश्मि के परिचितों से उनका एक ही सवाल है, ऐसा क्या हो गया? उसने ऐसा क्यों किया? कोई क्या जवाब दे। ये राज रश्मि अपने साथ ले गई है।