मुहूर्त और विधान
माघ मास के शुक्ल पक्ष, बसंत पंचमी की तिथि में भगवती सरस्वती का प्रादुर्भाव होने के कारण इसे 'विद्या जयंतीÓ कहा जाता है। जो पशुता से मनुष्यता, अज्ञान से ज्ञान, पाप से पुण्य, अधर्म से धर्म की ओर जाने की प्रेरणा देती हैं। बसंत पंचमी 4 फरवरी की शाम 7 बजकर 45 मिनट से 5 फरवरी की शाम 6 बजे तक रहेगी। मां सरस्वती की पूजा पीले और सफेद फूलों से करने के उपरांत सफेद वस्त्र व स्फटिक माला भेंट करने के साथ ही 'ऊँ ऐं सरस्वत्यै नम:Ó मंत्र का 108 बार जप करना शुभ है। स्टूडेंट्स अगर इस मंत्र का जाप मां की प्रतिमा के समक्ष बैठकर करें तो निश्चित ही बुद्धि, बल का विकास होगा।