RANCHI: 34वें नेशनल गेम्स घोटाला में ऑर्गेनाइजिंग कमिटी केकोषाध्यक्ष सह निविदा समिति के सदस्य रहे मधुकांत पाठक को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में गुरुवार को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया। उन्हें 21 जून को फिर अदालत में पेश किया जाएगा। मधुकांत पाठक राष्ट्रीय खेल घोटाला में चार्जशीटेड अभियुक्त हैं। मधुकांत पाठक सहित अन्य पर 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में 28 करोड़, 38 लाख 09 हजार रुपए घोटाले का आरोप है।

जमानत याचिका खारिज

इससे पहले गुरुवार को एसीबी के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार नंबर दो की अदालत में सरेंडर करने के बाद मधुकांत पाठक ने जमानत याचिका दाखिल की। इसपर एसीबी और बचाव पक्ष की ओर से अदालत में बहस हुई। अदालत ने 11 बजे बहस पूरी होने के बाद जमानत पर 12 बजे तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। तबतक के लिए न्यायिक हिरासत में लेते हुए अदालत में ही बैठने को कहा गया। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आठ मई को जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें तीन सप्ताह के भीतर संबंधित अदालत में आत्मसमर्पण करने और जमानत याचिका दाखिल करने का आदेश दिया था।

सरकारी संपत्ति लूट का आपराधिक षडयंत्र

अदालत में एसीबी की ओर से विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि मधुकांत पाठक सहित अन्य अभियुक्तों के खिलाफ 16 अप्रैल 2016 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसमें मधुकांत पाठक सहित अन्य पर 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में 28 करोड़, 38 लाख 09 हजार रुपए घोटाले का आरोप है। इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति आदेश भी न्यायालय में समर्पित है। एके गुप्ता ने बताया कि अनुसंधान के बाद चार्जशीट दाखिल की गई है। जांच में पाया गया है कि घोटाले में मधुकांत पाठक की सक्रिय सहभागिता रही है। एनजीओसी सरकार द्वारा पोषित संस्था है। मधुकांत पाठक घोटाले के समय कोषाध्यक्ष के साथ निविदा समिति के सदस्य थे। इन्होंने सरकारी संपत्ति की लूट के लिए व्यापक आपराधिक षडयंत्र रचा।

एसएम हाशमी व पीसी मिश्रा जा चुके हैं जेल

इसी घोटाले में झारखंड ओलंपिक संघ के पूर्व महासचिव व नेशनल गेम्स आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी व तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा जेल जा चुके हैं।

-----