अभी तक कोई ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है। फिर भी थोड़ी बहुत सेल में कमी आई है। वैसे हम उतना ही स्टॉक मंगा रहे हैं जितना मंगाते आएं हैं।

- दीपक रस्तोगी, ऑनर, जॉली शॉपिंग सेंटर

पिछले दस दिनों से मैगी का पैक नहीं बिका है। डिस्ट्रीब्यूटर को मैगी के के पैकेट वापस ले जाने को बोला है, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।

- अमित गुप्ता, ऑनर, एल्फा पेस्ट्री शॉप

हमारी दुकान पर 20 से 30 फीसदी तक का फर्क पड़ा है। आज हर कोई जागरुक हो गया है। हर कोई हेल्थ कांशियस हो गया है।

- जय किशन, ऑनर, सिटी बेकर्स

पिछले दस दिनों से एक भी पैकेट नहीं बिका है। ताज्जुब की बात सिटी के होलसेलर अब मैगी का ऑर्डर लेते हुए भी डर रहे हैं। न ही मार्केट में मैगी बिक रही है।

- वैभव जैन, ऑनर, मैसर्स जुगमंदर दास जैन एंड कॉर्पोरेशन

मैगी का कारोबार मंथली एक करोड़ रुपए तक का है, लेकिन मौजूदा समय में काफी मार्केट में गिरावट आई है। कई लोग तो मैगी वापस करने भी आ रहे हैं।

- अरुण कुमार, ऑनर अरुण कुमार कॉर्पोरेशन

न्यूट्रिशियन का वर्जन

हो सकती है गंभीर बीमारी

मैगी में लेड की मात्रा 0.001 से 2.5 पीपीएम होनी चाहिए, लेकिन उसमें 17 पीपीएम पाई जाती है। जो कि काफी नुकसानदायक है। इससे ब्रेन हैम्रेज, कैंसर, कंसनट्रेशन में कमी आना आदि बीमारी हो सकती है। इसलिए मैगी से हर दूर रहना ही बेहतर है। अगर आप मैगी को नहीं छोड़ पा रहे हैं तो ओट या वीट की मैगी खाएं। इसमें घरेलू मसालों का उपयोग करें। जरूरी हो तो घर की बनी हुई चीजें ही अपने बच्चों को दें। अगर बच्चों को नूडल्स पसंद हैं तो जवे सबसे बेहतर ऑप्शन है। आप उन्हें इडली, डोसा, फ्रेंच फ्राइज अपने घर मे ही बना सकते हैं।

- डॉ। भावना गांधी, डायटीशियन

महिलाओं के वर्जन

मेरे बच्चों मैगी का काफी शौक है। लेकिन जबसे मैगी में केमिकल होने के बारे में पता चला है तब से मैंने मैगी के लिए पूरी तरह से इनकार कर दिया है। अगर उन्हें शाम को कुछ खाना होता है तो घर के बने हुए जवे बना देती हूं। या फिर घर में इडली या डोसा बना देती हूं। जिसे बच्चे बड़े ही शौक से खा रहे हैं।

- शीलू शर्मा, हाउसवाइफ, नौचंदी

मैंने पिछले एक हफ्ते से अपने बच्चों को मैगी देना बिल्कुल बंद कर दिया है। सुबह टिफिन में उन्हें मैं ओट्स दे रही हूं। साथ ही शाम को बच्चों को घर का बना हुआ सूप या फिर स्टफ परांठा दे रही हूं। वैसे बच्चें थोड़ा हिचकिचा रहे हैं। लेकिन कुछ दिनों में सभी बच्चों को आदत पड़ जाएगी। मैंने अपने बच्चों को मैगी के नुकसान के बारे में बता दिया है।

- प्रतिभा, हाउसवाइफ, बेगमबाग

एमएसजी (मोनो सोडियम ग्लूकोमेड) और लेड की मौजूदगी व्यक्ति के शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा हैं, जिससे बॉडी में कई तरह के विकार पैदा हो जाते हैं। लेड नर्वस सिस्टम को खराब कर देते हैं। एमएसजी से पेट की कई बीमारियां हो जाती हैं। बच्चे की ग्रोथ रुक जाती है। लीवर और किडनी पर खासा असर पड़ता है। इससे नुकसान अधिक है और फायदा कम है। खून का बनना कम हो जाता है। कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है। बॉडी में रुकावटें पैदा हो जाती हैं। इसलिए ऐसी कोई खाने की वस्तु कम यूज करें जिसमें यह तत्व मौजूद हैं।

- डॉ। रजनीश भारद्वाज

मैगी में पाए गए तत्व काफी नुकसान दायक हैं। लेड बोन्स में डिपोजिट होता है, जिससे कमजोरी होती है। दूसरे तत्वों से खून की दिक्कत और अन्य बीमारियां होने लगती हैं। इसलिए ऐसे प्रोडक्ट का कम यूज किया जाए जिनमें लैड, एमएसजी जैसे तत्व हैं। हमारी बॉडी में मौजूद आरबीसी पर भी लेड इफेक्ट डालता है। जिससे काफी नुकसान होता है। इसलिए ऐसे खाने से बचना चाहिए।

- डॉ। अजीत चौधरी, सीएमओ, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ