- गंगा में बढ़े जलस्तर से कटान को लेकर प्रशासन सतर्क

- स्नान से पहले संगम नोज पर दिखेगा पानी

ALLAHABAD: गंगा में पानी का बढ़ता जलस्तर मेला प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। कटान की दिक्कत झेल रहे अधिकारियों ने इस परिस्थिति में एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। खासतौर से दारागंज, त्रिवेणी मार्ग और संगम पर क्रेट लगाकर कटान रोकने की तैयारी की जा रही है। इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि पहले स्नान पर्व तक गंगा का पानी संगम नोज के पुराने स्थान पर पहुंच जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।

लहरों से कटने लगे किनारे

कुछ दिनों पहले तक गंगा में पानी की कमी को लेकर खूब हो हल्ला मचा था। संतों ने लाल और काले पानी को लेकर आंदोलन भी तेज कर दिया था। इसी बीच टिहरी से छोड़े गए पानी के इलाहाबाद पहुंच जाने के बाद हालात थोड़े सामान्य हुए हैं लेकिन इससे प्रशासन का सिरदर्द बढ़ गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ जाने से अब कटान का खतरा उत्पन्न हो गया है। गंगा का पानी तेजी से किनारों को काट रहा है जिससे भविष्य में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।

यहां पर होगा अधिक असर

गंगा की कटान से सर्वाधिक असर दारागंज, त्रिवेणी मार्ग और संगम के आसपास के इलाकों को होगा। दूसरा यह कि गंगा पश्चिम वाहिनी हो गई हैं, जिससे इन इलाकों पर अधिक असर पड़ रहा है। पहले ही कटान के चलते पचास बीघे से अधिक जमीन प्रभावित हो चुकी है। अब अगर गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो कटान से जमीन की कमी की समस्या बढ़ जाएगी। कई संस्थाओं को पीछे हटना पड़ेगा और उनकी जमीन की पैमाइश भी कम हो जाएगी। फिलहाल खतरे को भांपते हुए सिचाई विभाग ने क्रेट लगाकर कटान रोकने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लगातार टिहरी से छोड़ा पानी

उधर, टिहरी डैम से लगातार पानी छोड़ने का क्रम जारी है। इसके बाद यह पानी हरिद्वार, बिजनौर, नरौरा होते हुए इलाहाबाद पहुंचता है। सिचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि माघ मेला के दौरान लगातार पानी आने से अब गंगा का जलस्तर बढ़ता रहेगा। इससे नदी वापस अपने संगम नोज स्थित पुराने स्थान पर लौट आएंगी। वर्तमान में गंगा का पानी सौ मीटर से अधिक दूर चला गया है। जिससे श्रद्धालुओं को गीली रेत से होकर गुजरना पड़ रहा है।

- टिहरी से पानी छोड़े जाने से लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। भविष्य में इससे अधिक वृद्धि होगी। कटान से निपटने की तैयारियां कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं को स्नान पर्वो में नहाने का पर्याप्त पानी मिलेगा।

मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड