- केरोसिन और अनाज को तरस रहे कल्पवासी

- अभी तक आधे भी नहीं बने राशन कार्ड

- अनाज का आवंटन भी नहीं हुआ, महंगे दामों पर खरीद रहे चावल-आटा

ALLAHABAD: एक तो मौसम की मार तो दूसरे केरोसिन और अनाज की किल्लत। माघ मेले में पुण्य बटोरने आए कल्पवासियों को ऐसी दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है। मेले के दो बड़े स्नान पर्व बीत जाने के बावजूद अभी तक आधे भी राशन कार्ड नहीं बन सके हैं। इसके चलते श्रद्धालुओं को केरोसिन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है और चांदी बिचौलियों की हो रही है। वहीं अभी तक अनाज का आवंटन भी मेले में शासन की ओर से नहीं किया गया है।

फ्ब् हजार कार्ड ही बने अब तक

मेले में 90 हजार अस्थाई राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके उलट अभी तक फ्ब् हजार ही कार्ड बनाए जा सके हैं। जिला आपूर्ति विभाग का कहना है कि कार्ड बनाने का अभियान तेजी से चल रहा है, कल्पवासियों का सहयोग मिले तो कार्य तेजी लाई जा सकती है। बता दें कि एक कार्ड पर दो लीटर केरोसिन ही दिया जाना है। बिना कार्ड एक लीटर दिए जाने का प्रावधान है। शासन की ओर से मेले में कुल ख्ब्0 लीटर केरोसिन का आवंटन किया गया है। ऐसे में बिना कार्ड मिला एक लीटर केरोसिन खत्म हो गया है और अब बिचौलिए पब्लिक की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। वह श्रद्धालुओं को मनमाने दाम पर केरोसिन उपलब्ध करा रहे हैं।

शासन ने अभी तक नहीं दिया अनाज

शासन की लापरवाही की दूसरी मिसाल है इस बार मेले में अभी तक अनाज का आवंटन नहीं किया जाना। नियमानुसार प्रत्येक कार्ड पर पांच-पांच किलो आटा व चावल दिए जाने का प्रावधान है, वह भी सरकारी रेट पर। इसके उलट अनाज का आवंटन ही नहीं किए जाने से कल्पवासियों को मेले में लगी फुटकर दुकानों से बाजार रेट पर आटा, दाल, चावल खरीदना पड़ रहा है। जिला आपूर्ति विभाग के मेला प्रभारी अधिकारी नीलेश उत्पल का कहना है कि जैसे ही शासन से आवंटन मिलेगा, कल्पवासियों को निर्धारित दर पर अनाज वितरण शुरू कर दिया जाएगा।