माघ मेले में तीन दिन लगातार स्नान व दान का मुहूर्त

इस बार दो दिन संक्रांति का होगा स्नान, छह वर्षो के बाद ऐसा संयोग

ALLAHABAD: सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्य उत्तरायण की गति प्रारंभ करते हैं। उसी दिन यानि 14 जनवरी को गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार संक्रांति का पर्व का पुण्य काल 14 व 15 जनवरी को दो दिनों तक रहेगा। इसकी बड़ी वजह यही है कि 14 जनवरी को सूर्य की मकर राशि की संक्रांति 14 जनवरी को रात 7.35 बजे से होगी। ऐसा संयोग छह वर्षो के बाद बन रहा है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद किसी भी समय संक्रांति होने पर उसका पुण्य काल दूसरे दिन सूर्योदय से लेकर मध्यान्ह तक माना जाता है। इसलिए पारंपरिक दिन के साथ ही 15 को भी संक्रांति मनाई जाएगी।

तीसरे दिन मौनी अमावस्या

संगम की रेती पर बसने जा रही आस्था की नगरी में इस बार मेला जनवरी माह में ही समाप्त हो जाएगा। जहां दो दिनों तक मकर संक्राति पर्व मनाया जाएगा वहीं 16 जनवरी को मौनी अमावस्या का तीसरा प्रमुख स्नान पर्व पड़ेगा। जिसमें मौन रहकर पुण्य की डुबकी लगाए जाने की मान्यता है। यही वजह है कि दूरदराज के क्षेत्रों से जो श्रद्धालु मेला क्षेत्र पुण्य की लालसा में पहुंचेंगे वे सभी तीन दिनों तक रहकर पुण्य की डुबकी लगाएंगे।

प्रमुख स्नान पर्व और तिथियां

दो जनवरी : पौष पूर्णिमा

14 जनवरी : मकर संक्रांति

16 जनवरी : मौनी अमावस्या

22 जनवरी : बसंत पंचमी

31 जनवरी : माघी पूर्णिमा

कॉलिंग

यह अच्छी बात है कि तीन दिनों तक मेला क्षेत्र में स्नान-दान करने का पुण्य अवसर मिलेगा। ऐसा बहुत कम दिखाई देता है कि लगातार दो प्रमुख स्नान पर्व पड़ रहे हैं।

-राजीव सिंह

कल्पवास तो अभी तक नहीं शुरू किया है। लेकिन इस बार मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या तक परिजनों के साथ क्षेत्र में ही रुककर मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त किया जाएगा।

-राम रक्षा द्विवेदी

कुंभ का रिहर्सल है तो इस बार मेला क्षेत्र में कल्पवास की तैयारी की जा रही है। स्नान पर्वो पर भीड़ की अधिकता की वजह से परिवार के लोगों को स्नान-दान के लिए शिविर में ही बुलाया जाएगा।

-मुन्ना मिश्रा

पारंपरिक मकर संक्रांति पर तो स्नान-दान किया जाएगा। उसके बाद भी दो दिनों तक मेला क्षेत्र में पुण्य कमाने का अवसर मिल रहा है तो उसे नहीं छोड़ना है।

-विद्याकांत पांडेय