सांस्कृतिक महोत्सव चलो मन गंगा यमुना तीर का संगीतमय आगाज

ALLAHABAD: माघ मेले के त्रिवेणी मार्ग स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र का भव्य पंडाल मंगलवार को गुलजार हो उठा। केन्द्र के दस दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव चलो मन गंगा यमुना तीर का रंगारंग आगाज हुआ। महोत्सव के पहले दिन प्रख्यात गजल गायक जगजीत सिंह के शिष्य जयदेव चटर्जी ने गजलों की प्रस्तुति से समां बाधा। वहीं आसाम का प्रख्यात बिहू और झारखंड के छऊ नृत्य की कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति की।

अपनी आंखों के समंदर में

लखनऊ से आए जयदेव चटर्जी ने गजल 'कौन आएगा यहां कोई न आया होगा, मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा' की प्रस्तुति की। इसके बाद उन्होंने 'अपनी आंखों के समंदर में उतर जाने दे, तेरा मुजरिम हूं मुझे डूब के मर जाने दे' की प्रस्तुति से श्रोताओं को तालियां बजाने पर विवश कर दिया।

आसाम के पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित कलाकारों ने सुकलेश्वर बोरो की अगुवाई में प्रख्यात बिहू नृत्य की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति की। झारखंड से आए सृष्टिधर महतो व साथियों ने छऊ नृत्य तो मध्य प्रदेश के डिण्डौरी से आए लालता राम मरावी गुदुम बाजा की प्रस्तुति की। संचालन संजय पुरुषार्थी का रहा।

चीफ जस्टिस ने किया उद्घाटन

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी। भोसले ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने केन्द्र के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए देश की सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने का बेहतरीन मौका मिलता है। केन्द्र के निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने स्वागत किया।