प्रशासन को धीरे से लगा है जोर का झटका, माघ मेला का प्लान 1500 बीघा का था, 150 बीघा कट गई

खाकचौक में सबसे ज्यादा 25 से 30 बीघा जमीन कटी, दंडी स्वामी नगर में नौ बीघा जमीन कट गई

ALLAHABAD: माघ मेले में इस समय हो रही गंगा की कटान प्रशासन के लिए मुसीबत बन गई है। मेला बसाने के लिए प्रशासन ने 1500 बीघा जमीन का प्लान बनाया था, अब मौके पर मात्र 1350 बीघा जमीन बची है। 150 बीघा जमीन कट गई है। कटान की जद में दंडी स्वामी नगर की नौ बीघा और खाकचौक की 25 से 30 बीघा जमीन आ चुकी है।

21 व 22 दिसंबर को होगा आवंटन

मेला क्षेत्र में खाकचौक ही संतों की सबसे बड़ी संस्था है। इसके लिए 21 व 22 दिसम्बर को जमीन का आवंटन होना है, लेकिन रामानंद मार्ग अ और ब कट चुका है। इस वजह से रामानंद मार्ग स और द की ओर सन्यासियों को जमीन आवंटित की जाएगी। कटान की वजह से दंडी स्वामी नगर की नौ बीघा भूमि पहले ही बह चुकी थी। इसके एवज में सात दिसम्बर को हुए आवंटन में दंडी संन्यासियों को जीटी रोड के उत्तर दिशा में 18 बीघा जमीन दी गई थी। इन्हें पिछले वर्ष तक मोरी मार्ग के उत्तर दिशा में 70 बीघा जमीन दी जाती थी। प्रशासनिक कर्मचारियों की मानें तो अभी भी कटान की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। इसीलिए भूमि के समतलीकरण का काम धीरे-धीरे चल रहा है।

आचार्य बाड़ा में 70 बीघा आवंटित

संगम तीरे जमीन आवंटन के क्रम में सोमवार को आचार्य बाड़ा के लिए संन्यासियों को जमीन का आवंटन किया गया। कुल 124 सन्यासियों व संस्थाओं को रेलवे पुल से उत्तर जीटी रोड पर 70 बीघा जमीन दी गई है। ओल्ड जीटी रोड की ओर पांच संस्थाओं को जमीन आवंटित की गई है।

काली मार्ग का आवंटन आज

जमीन आवंटन की प्रकिया में मंगलवार को सुबह दस बजे से काली मार्ग की ओर संस्थाओं को जमीन आवंटित की जाएगी। इस मार्ग के लिए 14 दिसम्बर को आवंटन का कार्य किया जाएगा।

1500 बीघा में मेला बसाने का प्लान था। गंगा की कटान के चलते 108 बीघा जमीन पहले ही कट चुकी है। हालांकि जमीन कट रही है तो कई जगह मिल भी रही है। खाकचौक के लिए अक्षयवट मार्ग पर जमीन मिल गई है। वहां खाकचौक प्रबंध समिति के संन्यासियों को जमीन आवंटित की जाएगी।

आशीष कुमार मिश्र,

प्रभारी मेलाधिकारी