तेज बहाव से पाण्टून पुल के बहने का खतरा, दूसरे पुल के निर्माण में तेजी

माघ मेला क्षेत्र में रोजाना एक मीटर की गति से कटान कर रही हैं गंगा

अब तक कटान की भेंट चढ़ गई है माघ मेला की 60 बीघा जमीन

ALLAHABAD: माघ मेला की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इस बार मेले में स्नान की शुरुआत 12 जनवरी से हो जाएगी। लेकिन तैयारियों व जमीन आवंटन में गंगा की ओर से जारी कटान बाधा उत्पन्न कर रहा है। मौजूदा हालात में प्रतिदिन लगभग एक मीटर तक जमीन गंगा में समा रही है। इससे बन चुके पीपे के पुल पर भी संकट मंडरा रहा है। वहीं संतों के लिए एलाट होने वाली जमीन में भी करीब 60 बीघा जमीन कट गई है। इस बीच गंगा में पानी के बहाव की गति तेज हो जाने से एक दिन पहले बनकर तैयार महावीर पुल पर बहने का खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने त्रिवेणी पुल के निर्माण में तेजी ला दी है ताकि उसके शुरू हो जाने के बाद महावीर पुल में पीपा की संख्या बढ़ाकर उसे बचाया जा सके।

झूंसी की तरफ अधिक कटान

संगम की रेती पर प्रत्येक वर्ष लगने वाले माघ मेला को 1432 बीघा में बसाने की तैयारी थी। प्रशासन ने इतनी जमीन नापकर संतों और संस्थाओं को आवंटन शुरू भी कर दिया। इसी बीच अचानक गंगा का बहाव तेज हो गया। गंगा में पानी बेशक कम है। चौड़ाई भी 15 से 20 मीटर ही है लेकिन बहाव तेज है। पानी की गति काफी तेज होने के कारण तेजी से जमीन कट रही है। पिछले दो-तीन हफ्तों से झूंसी की तरफ ज्यादा कटान हुआ है।

कम जमीन पर भड़के संत

कटान के कारण दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा और खाक चौक की जमीन कट गई है। इससे इन संतों को जमीन आवंटन में भी प्रशासन को परेशानी हो रही है। जमीन कम मिलने पर बुधवार को आचार्य बाड़ा के संतों ने मेला अधिकारी आशीष मिश्रा से मिलकर जमीन बढ़ाने की मांग की। संतों की नाराजगी को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार उनकी जमीन थोड़ी बढ़ाकर संतुष्ट किया गया। मेला अधिकारी ने बताया कि अब संगम नोज की ओर भी कटान हो रहा है। इससे जमीन और कटने की आशंका है।

लगातार हो रही पुल की निगरानी

इस कटान से पीपे के पुलों के बहने का खतरा है। बड़ी मशक्कत के बाद एक दिन पहले महावीर पुल को तैयार कर दिया गया था। कटान तेज होने से इस पर खतरा मंडरा रहा है। एक बार इस पुल के पीपे बह चुके हैं। अभी भी पुल के पीपे बहने को लेकर शंका बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हंसराज यादव ने बताया कि महावीर पुल की लगातार निगरानी हो रही है। दूसरा पुल त्रिवेणी का निर्माण तेजी से चल रहा है। उस पर बाढ़ का खतरा कम है। वह पुल एक दिन में तैयार हो जाएगा तो महावीर पुल में पीपे और बढ़ाकर उसे सुरक्षित कर दिया जाएगा।