-भक्तिभाव के साथ मनाई गई महाशिवरात्रि

-भोले के जयकारों से गूंज उठे शहर के मंदिर

- सुबह चार बजे से शुरू हो गया भोले का गुणगान

Meerut : सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लंबी लाइन लगी थी। हाथ में गंगाजल और भोलेनाथ के जयघोष के साथ भक्तजन अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। थर्सडे को महाशिवरात्रि पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। सिटी के मंदिरों में बाबा का जलाभिषेक श्रद्धा भाव के साथ किया गया। वहीं कृत्रिम लाइटों और विदेशी फूलों के साथ सजे मंदिर भी आकर्षण का केंद्र बने हुए थे।

दूर-दूर से आए श्रद्धालु

मंदिरों में गूंजते जयकारों के साथ ही घंटे की आवाज के साथ मंदिरों में अपनी हाजिरी लगाते भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक किया। सुबह चार बजे से ही मंदिरों में बाबा की आरती शुरु हो गई थी। तो वहीं कपाट खुलते ही भक्तों ने दर्शन करने शुरु कर दिए। धूप-दीप, गंगाजल, भांग और कलश यात्रा में जोर शोर से श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे। सिटी का मुख्य मंदिर औघड़नाथ मंदिर और विल्वेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ भी सुबह से ही उमड़ने लगी थी। मंदिर का यह भक्तिमय दृश्य तो मानो जैसे हर किसी को बाबा की भोले की और आकर्षित कर रहा हो। अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए के लिए दूर-दूर से आए श्रद्धालु ने बड़े अपने-अपने श्रद्धाभाव से बाबा का गुणगान किया।

चढ़ने लगा भक्तिरस

बाबा की भक्ति का रस तो सुबह से ही चढ़ने लगा था। सुबह चार बजे मंदिरों में विशेष आरती की गई। आरती के बाद मंदिरों में जलाभिषेक होने लगा था। औघड़नाथ मंदिर के पुजारी पंडित श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर में सुबह चार बजे विशेष आरती की गई है। इससे पहले बाबा को स्नान कराया गया। जिसके बाद सुबह साढे़ चार बजे से मंदिर में जलाभिषेक शुरु हो गया। रात्रि में चार पहर की विशेष आरती की गई। विल्वेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी पंडित हरीशचंद जोशी ने बताया मंदिर में सुबह फ्:फ्0 बजे से ही आरती की तैयारियां होने लगी थी। चार की विशेष आरती के बाद से ही दर्शन के लिए लाइन लगने लगी थी।

पुलिस रही सजग

इस महापर्व पर मंदिरों में सुरक्षा की भी कड़ी व्यवस्था रही। जहां औघड़नाथ मंदिर में ख्0 कैमरों की व्यवस्था रही, वहीं प्रशासन भी अपनी कड़ी व्यवस्था के साथ ड्यूटी पर थी। जगह-जगह पुलिस की व्यवस्थ्ा रही।

भांग और पकौड़ी

महाशिवरात्रि के पर्व पर भक्तों ने जलाभिषेक किया तो मंदिरों में भांग का प्रसाद भी बंटने लगा। औघड़नाथ मंदिर के पास भक्तों की सेवा में प्रसाद के लिए कैम्प लगाया गया। वहीं विल्वेश्वर नाथ मंदिर में भी भांग और व्रत की पकौड़ी का प्रसाद बांटा गया।

महाशिवरात्रि का महत्व

पंडित हरीशचंद जोशी ने बताया कि भोले बाबा ने सृष्टि के कल्याण के लिए विष कंठ में उतार लिया था। तभी से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। उन्होंने बताया शिवरात्रि का व्रत रखने से सभी की मनोकामना की पूर्ति होती है। इस व्रत का काफी महत्व होता है।

यहां भी तेंदुए का खौफ

भक्ति पर सिटी में तेंदुए का खौफ दिखाई दिया। हालांकि मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ थी। मगर यह भीड़ पिछले साल बीती शिवरात्रि की तुलना में कम थी। इसबार दोपहर तक दोनों मंदिरों में केवल म्0 हजार श्रद्धालुओं ने ही जलाभिषेक किया था।