रांची : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी स्वयंभू की अदालत ने शुक्रवार को रांची स्थित नागाबाबा मठ के महंत संत आत्मा प्रकाश मोनी को गुरुवार को आ‌र्म्स एक्ट में दोषी पाकर एक वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही एक हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि नहीं देने पर उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अदालत ने अपील के लिए तत्काल उन्हें पांच-पांच हजार रुपये के दो मुचलके पर औपबंधिक जमानत की सुविधा प्रदान की। सजा के खिलाफ उन्हें ऊपरी अदालत में अपील का मौका दिया गया है। औपबंधिक जमानत की सुविधा महंत को 27 अगस्त तक दी गई है। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक वेद प्रकाश ने न्यायालय में दस लोगों की गवाही दर्ज करवाई। मोनी बाबा की ओर से एक गवाह की गवाही दर्ज कराई गई।

उल्लेखनीय है कि रातू रोड स्थित मोनी बाबा के मठ में दस मई 2008 को वन क्षेत्र पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार के नेतृत्व में छापामारी की गई थी। इस दौरान उनकी रसोई से हिरण व भेडि़या की खाल, बाघ का नख, देसी बंदूक, दो जिंदा कारतूस, एक खोखा व नगदी रुपये बरामद किए गए थे। मामले को लेकर कोतवाली थाना में बाबा के खिलाफ 13 मई 2008 को कांड संख्या 333/08 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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महंत के साथ मारपीट के दोषी को छह माह की सजा

जागरण संवाददाता, रांची : नागाबाबा मठ के महंत संत आत्मा प्रकाश मोनी को मारपीट करने से संबंधित 12 वर्ष पुराने मामले की सुनवाई शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी स्वयंभू की अदालत में हुई। अदालत ने अपर बाजार निवासी छोटू राम उर्फ सुबा को मारपीट मामले में दोषी पाकर छह माह की सजा सुनाई। मामले के अन्य तीन आरोपी राजेश कुमार सिंह, बालमुकुंद यादव उर्फ कुंडू, और सतीश कुमार सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी किया। मामले में अपर लोक अभियोजक वेद प्रकाश ने अभियोजन की ओर से चार गवाहों की गवाही न्यायालय में दर्ज कराई।

उन्होंने बताया कि मोनी बाबा ने मारपीट के आरोप में 31 दिसंबर 2005 को कोतवाली थाना में कांड संख्या 780/05 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वे अपने मठ में बैठे थे। आरोपी वहां पर पहुंचे और गार्ड को हटाते हुए यह कहने लगे कि यहां पुलिस को क्यों बुलाया है। यह कहते हुए विवाद व मारपीट शुरू कर दिया। छोटू राम ने लाठी से सर पर प्रहार किया। साथ ही गला दबाने की कोशिश की।

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