खेल के नियम भी बनेंगे
शिक्षा मंद्धी विनोद तावड़े ने बताया कि, 'दही हांडी उत्सव पूरे उत्साह से मनाना महाराष्ट्र की परंपरा रही है और हम आने वाले समय में भी इसे पूरे हर्षोल्लास से मनायेंगे. हमने इसे एडवेंचर स्पोर्ट का दर्जा इसलिये दिया ताकि अब इस खेल के नियम निर्धारित किये जायेंगे. इसके अलावा इसमें भाग लेने वाले लोगों को इस तरह के नियमों का पालन भी करना होगा. हमारा मकसद खेल को पूरी तरह से सुरक्षित बनाना है.'

खेल परिसरों का होगा निर्माण
इसके साथ ही विनोद ने बताया कि, इस खेल के अच्छी तरह से आयोजन के लिये मुंबई और ठाणे क्षेत्रों में चार खेल परिसर बनाये जायेंगे. यहां पर 'दही हांडी' समारोहों में भाग लेने वालों को इसकी ट्रेनिंग दी जायेगी. हालांकि उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि इसके पहले 24 परिसर बनाने का एलान किया गया था, लेकिन आज तक एक भी परिसर नहीं बना. आपको बताते चलें कि 'दही हांडी' उत्सवों के दौरान गंभीर दुर्घटनाओं को देखते हुये बांबे हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को राज्य सरकार से एक प्रपत्र जारी किया था. जिसमें 'दही हांडी' उत्सवों में मानव पिरामिड बनाने वाले गोविंदाओं में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के शामिल होने पर रोक लगाने को कहा था.

पिरामिड की ऊंचाई होगी 20 फीट
अदालत ने राज्य में मानव पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट तक सीमित रखने का आदेश दिया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह बाल अधिकारों के संरक्षण के लिये महाराष्ट्र आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करे. इसके अलावा तावड़े ने यह भी बताया कि 21 जून अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा और महाराष्ट्र सरकार देश की प्राचीन शारीरिक कसरत को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाएगी. 

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