मुंबई (पीटीआई)। मराठा मोर्चा ने आरक्षण की मांग पूरी नहीं होने पर आज दूसरे दिन औरंगाबाद व मुंबई समेत आसपास के जिलों में बंद को लेकर हालात बिगड़ चुके हैं। अब तक इस हिंसक आदोंलन में तीन प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह का प्रयास किया। वहीं एक कांस्टेबल की मौत हो गई और नौ पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं। कंजुरमर्ग और मुंबई के भंडूप उपनगरों में आंदोलनों के दौरान दो लक्सरि बसों पर हमला किया गया। बसों पर पत्थर फेकनें व नुकसान होने की वजह से बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बीईएसटी) आंदोलन किए जाने वाले इलाकों में बस सेवा रोक दी गई है।

आरक्षण की मांग : हिंसक हुआ महाराष्ट्र बंद,मुंबई समेत कई शहरों के बिगड़े हालात रोकी गई इंटरनेट सेवा

बंद का असर साफ दिख रहा

इस संबंध में परिवहन निकाय के एक अधिकारी का कहन है कि ठाणे शहर के वागल एस्टेट क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन बसों पर भी पत्थरबाजी हुई है। वहीं परिवहन सेवा रोके जाने से आम-जनमानस को काफी परेशानी हो रही है। परिणामस्वरूप मुंबई की ओर जाने वाली सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें हो गई हैं। आज सुबह से ही मराठा प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर तोड़ फोड़ शुरू करना शुरू कर दिया है। मुंबई, नवी मुंबई, पालघर, नासिक ठाणे, कल्याण, सातारा में बंद का असर साफ दिख रहा है। मुंबई की लोकल ट्रेनों को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाने पर लिया है।

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इंटरनेट सेवाओं को रोका गया

बंद को सफल बनाने के लिए प्रदर्शनकारी जबरन दुकानें बंद करा रहे हैं। कुछ इलाकों में स्कूल आदि बंद कर दिए गए हैं। इंटरनेट सेवाओं को रोका गया है। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय कई वर्षों से सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर अपनी आवाज उठा रहा है। आरक्षण को लेकर जब इस मांग को जब नहीं माना गया तो अब मराठा मोर्चा के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सोमवार को जलसमाधि आंदोलन में 27 वर्षीय आंदोलनकारी काका साहेब शिंदे की मौत हो जाने के बाद से हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। इस घटना के बाद मराठा समूहों ने बंद की कमान संभाल ली है।

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मुख्यमंत्री ने अपमान किया है

वहीं पुलिस इन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए के लिए जुटी है।मराठा समुदाय का दावा है कि उनका समुदाय काफी प्रभावशाली है। यह राज्य की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है और यहां की राजनीति में विशेष भूमिका निभाता है। ऐसे में अगर महाराष्ट्र सरकार की हाल में निकली 72,000 नौकरियों में उन्हेें 16 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला तो यह अन्याय होगा। इतना ही नहीं मोर्चा समन्वयक रविंद्र पाटिल ने कल कहा, यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मुख्यमंत्री मराठा समुदाय से माफी मांगेगे और उनकी मांगे को नहीं पूरा करेंगे। सीएम ने इस समुदाय का अपमान किया है।

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