सूखे की मार झेल रहा है महाराष्ट्र का लातूर जिला

मुंबई से पांच सौ किलोमीटर दूर महाराष्ट्र का लातूर जिला भयंकर सूखे की चपेट में है। हालात ये हैं कि पानी के लिए लोग तिल तिल कर तड़प रहे हैं। पानी पीने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। रोजाना पानी तो दूर की बात है कई इलाकों में लोगों को कई दिनों से पानी नहीं मिला है। लातूर जिले में सूखे और उसके बाद जबरदस्त पानी की किल्लत को देखते हुए जिला प्रशासन ने पानी की सप्लाई वाली जगहों और पानी टैंकरों के आस-पास धारा 144 लागू कर दिया है। प्रशासन ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है ताकि इन जगहों पर खर्च होने वाला पानी बचाया जा सके।

20 पानी वाली जगहों पर है लागू है धारा 144

प्रशासन ने ऐसे 20 पानी वाली जगहों को चुना है जहां पर एक वक्त में 5 लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते है। प्रशासन ने ऐसा इसलिए किया है ताकि पानी को लेकर होने वाली किसी भी तरह की हिंसा या संघर्ष को रोका जा सके। प्रशासन ने ये आदेश 31 मई तक के लिए लागू है।लातूर को महाराष्ट्र का एजुकेशनल हब भी कहा जाता है। यहां पर बाहर से बड़ी संख्या में छात्र आकर पढ़ाई करते हैं। जिला प्रशासन ने जिले के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर को भी डेढ़ महीने के लिए बंद रखने की अपील की है।

गर्मियों की शुरुआत में ही पानी की किल्लत शुरु

अभी गर्मियों की अच्छे से शुरुआत भी नहीं हुई है। ऐसे में लातूर में पानी का संकट अगले कुछ महीनों में और गहराने की आशंका है। लातूर जिले को पानी सप्लाई करने वाले दो बांध साई और मांजरा पूरी तरह से सूख चुके हैं। जिसके बाद से लातूर शहर में पानी सप्लाई बंद कर दी गई है। पानी की किल्लत को देखते हुए पहले लातूर महानगर पालिका ने 8 दिनों में हर घर को 200 लीटर पानी देने का फैसला किया था। अब ये योजना भी बंद कर दी गई है। लातूर में पानी की किल्लत पर कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है।

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