भोले शंकर की बरात आज, बैताल पचीसा होगा मुख्य आकर्षण

-बाबानगरी देवघर में 1994 से निकल रही बरात, इस बार रजत जयंती वर्ष

-राक्षसों की टोली संग झूमेंगे लाखों भक्त, हेलीकाप्टर से होगी फूलों की वर्षा

हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा
बुधवार को निकलने वाली शिव बरात के लिए आयोजन समिति की ओर से बैद्यनाथ मंदिर के प्रांगण में हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की व्यवस्था की गई है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एकमात्र झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है जहां शिव व शक्ति एक साथ विराजमान हैं। शिव-शक्ति के एक साथ विराजमान होने के कारण ही यहां महाशिवरात्रि की रात शिव¨लग पर ¨सदूर दान होता है।

शिवरात्रि पर क्या होता है खास

-साल में एक दिन यानि शिवरात्रि से दो दिन पूर्व मंदिर के गुंबद से उतरता है पंचशूल

-शिवरात्रि से एक दिन पूर्व प्राण प्रतिष्ठा कर विधि विधान से स्थापित होता है पंचशूल

-जब तक गुंबद पर पंचशूल नहीं रहता तब तक गठबंधन की नहीं होती रस्म अदायगी

-पंचशूल स्थापित होने के बाद पहला गठबंधन करता है प्रधान पुजारी परिवार

-महाशिवरात्रि के दिन ज्योतिर्लिग पर होता ¨सदूर दान

-साल में केवल शिवरात्रि की शाम नहीं होता बाबा का श्रृंगार

-दिन-रात होता है जलार्पण, चार प्रहर की होती है पूजा।

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