बापू जी के नाम से भी जाना जाता

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बापू जी के नाम से भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर 1869 को जन्में महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करम चंद्र गांधी था। इनकी माता का नाम पुतलीबाई व पिता का करमचन्द गांधी था। 1881 राजकोट हाईस्कूल में पढाई करने वाले गांधी जी का विवाह दो साल बाद ही कस्तूरबाई से हो गया था। 13 साल की उम्र में शादी होने के बाद भी गांधी ने अपनी पढ़ाई को गम्भीरता से लिया। वह पढाई के लिए इंग्लैंड तक गए थे। गांधी जी को राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हुई।

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बेटियों से बापू जी को था बेहद लगाव

महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के चार बेटे  हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास थे। महात्मा गांधी जी को बेटियों से अगाध लगाव था। वह उन्हें समाज के लिए बहुत कीमती समझते थे। कहते हैं कि बापू जी को बेटी न होने का अफसोस भी रहा। वर्तमान में अपने देश में भ्रूणहत्या को रोकने और बेटियों की सुरक्षा के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं चलाकर आज बेटियों को बचाने की कोशिश करनी पड़ रही है। सोचिए आज अगर आज बापू जी जीवित होते तो उन्हें कितना दुख होता।

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नाथूराम गोडसे ने कर दी थी हत्या

साबरमती आश्रम से जुड़े रहने की वजह से इन्हें 'साबरमती का संत' की उपाधि भी मिली थी। इन्होंने अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए बड़े कदम उठाए और दुनिया को आजादी का मतलब भी समझाया था। महात्मा गांधी को कई बड़े पुरस्कारों के लिए चुना गया। उन्हें पांच बार नोबेल पीस प्राइज के लिए नामांकित किया गया था। 30 जनवरी, 1948 को  नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। आज वर्तमान में महात्मा गांधी जी के नाम से पूरे भारत में 53 मुख्य मार्ग और विदेशों में 48 सड़के गांधी जी के नाम पर हैं।

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