टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप फाइनल में जिस बल्ले से यादगार पारी खेलकर भारत को 28 बरस बाद विश्व खिताब दिलाया था वह बल्ला उनकी चैरिटी संस्था की नीलामी में एक लाख पाउंड लगभग 72 लाख रुपए में बिका. धोनी ने इसी साल दो अप्रैल को हुए फाइनल में इस बल्ले से नाबाद 91 रन की पारी खेली थी.
इस नीलामी से 450000 पाउंड जुटाए गए. इस दौरान मशहूर चित्रकार सचा जाफरी की कलाकृतियों की भी नीलामी हुई. शुमार जाफरी को धोनी की विश्व कप विजेता टीम और संभवत: दुनिया के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की पेंटिंग बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इस पेंटिंग में दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों के हाथ के छाप और हस्ताक्षर मौजूद हैं जिसमें रिकी पोंटिंग, एंड्रयू फ्लिंटाफ, एलन बोर्डन और लसिथ मलिंगा शामिल है. यह पेंटिंग 250000 पाउंड में बिकी.
धोनी ने समारोह में अपनी चैरिटी संस्था ‘विनिंग वेज टुडे फार टुमारो’ को लांच भी किया. धोनी ने कहा कि इस चैरिटी संस्था को पिछले साल भारत में पहले ही लांच किया जा चुका है और यह ऐसे स्थानों पर क्रिकेट को फैलाने में मदद कर रही है जहां के बच्चे सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े हुए हैं. धोनी ने कहा जब 1999...2000 में 18 बरस के थे तब एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ने उनसे संपर्क किया और उन्हें तीन गेंद, बल्ला और पैड दिया.
धोनी ने कहा, ‘‘इससे मुझे अपने खेल को निखारने में मदद मिली. बुनियादी ढांचे की वजह से सिर्फ चार साल में मेरे अंदर बदलाव आ गया.’’ धोनी ने कहा कि रांची में नई खेल अकादमी से बच्चों को अपने कौशल को निखारने में मदद मिलेगी. इस अकादमी के लिए झारखंड सरकार ने भूमि एलॉट की है. उन्होंने कहा, ‘‘अकादमी के साथ रिहायशी परिसर बनाने की योजना भी है जिसमें छात्रों और अकादमी में काम करने वाले स्टाफ के रहने की व्यवस्था होगी.’’
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