RANCHI : रांची के लाल और टीम इंडिया के कैप्टन माही के टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने से उनके मित्र और फैन्स काफी हैरत में हैं। हालांकि सभी यह मानते हैं कि धोनी की यह पुरानी अदा है। वह न केवल मैदान पर बल्कि अपनी निजी जिंदगी में भी अचानक अप्रत्याशित फैसले लेकर सबको चौंका देते हैं।

शुरुआती कोच बोले, राइट डिसीजन

माही के शुरुआती कोच रहे चंचल भट्टाचार्य कहते हैं कि आज नहीं तो कल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना ही था। देखा जाए तो उन्होंने अपने हिसाब से बिल्कुल सही डिसीजन लिया है। मेलबर्न टेस्ट ड्रा रहा और उन्होंने अचानक संन्यास लेकर दिखा दिया कि उनमें साहसिक फैसले लेने का माद्दा है। चंचल की राय में व‌र्ल्ड कप की तैयारी के लिए भी जरूरी था कि माही टेस्ट से संन्यास ले लें। इसके बाद माही व‌र्ल्ड कप की तैयारी पर फोकस कर सकेंगे।

और दो साल खेलने की जरूरत थी

खेल के मैदान पर धोनी का मार्गदर्शन करनेवालों में जय कुमार सिन्हा भी एक प्रमुख शख्सियत हैं। वह कहते हैं कि माही इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं, जो टेस्ट क्रिकेट के अलावा वनडे और टी-20 फार्मेट सभी में खेल चुके हैं। लेकिन मुझे ये संन्यास पच नहीं रहा है। उनको कम से कम दो साल और टेस्ट मैच खेलना चाहिए था, भले कैप्टन नहीं रहते लेकिन टीम के साथ खेलना चाहिए था। वह कहते हैं कि क्रिकेट के इतिहास में ऐसा प्लेयर नहीं आया है।

दोस्त बोला, ये क्या सुन रहा हूं

सीमांत लोहानी उर्फ चित्तू माही के सबसे करीबी दोस्त माने जाते हैं। बचपन की कक्षा से जेवीएम श्यामली स्कूल में उनके साथ पढ़े चित्तू कहते हैं कि माही के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की बात सुन कर पहले तो मुझे आश्चर्य हुआ। अभी महीने भर पहले वह रांची में थे, तब भी उन्होंने अपने ऐसे किसी इरादे का इजहार नहीं किया था। सुनकर थोड़ा अजीब लगा कि माही अब टेस्ट मैच नहीं खेलेगा।

माही का राइट डिसीजन

रांची के रहनेवाले रणजी प्लेयर एसपी गौतम कहते हैं कि मेरे हिसाब से ये माही का राइट डिसीजन है। इस समय टीम इंडिया बेहतर परफार्म कर रही है। ऐसे में उन्होंने सही समय पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इसके बाद अगर संन्यास लेते तो फिर लंबा गैप हो जाता। माही ने अपने मन से टेस्ट खेला और अपने मन से ही टेस्ट से संन्यास भी ले लिया।

महान क्रिकेटर है माही

महेंद्र सिंह धौनी महान क्रिकेटर हैं। उनके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की बात सुनकर आश्चर्य जरूर हुआ। लेकिन, जब उन्होनें फैसला कर लिया है तो उसके बारे में क्या कहा जा सकता है। अब माही वनडे व‌र्ल्ड कप की तैयारी में जुटेंगे और अपना सारा जोश इसी में लगाएंगे।

अमिताभ चौधरी, अध्यक्ष, जेएससीए

सोच-समझ कर निर्णय लिया होगा

महेंद्र सिंह धौनी ने टीम इंडिया को बहुत कुछ दिया। वह भारत के सफलतम कप्तानों में एक हैं। उनके नेतृत्व में टीम काफी ऊर्जा से लबरेज रहती है। हालांकि माही काफी सीनियर हैं। उन्होंने सोच-समझ कर ही यह निर्णय लिया होगा। वह अब वन-डे में जोर लगाएंगे।

सौरव तिवारी, टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी