-गर्ल्स के साथ छेड़छाड़ के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी
-सख्त कानून के बावजूद रेप, दहेज हत्या के केस नहीं हो रहे कम
BAREILLY: देश 72वें स्वतंत्रता दिवस पर आजादी का जश्न मना रहा है। वर्ष 2022 तक देश से किसी शख्स को अंतरिक्ष में भेजने की बातें हो रही हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल खड़ा रहा है कि क्या आज भी लोगों को डर से आजादी मिल सकी है। डर अपराध से, डर रेप-छेड़छाड़ से, डर मर्डर से, जिस तरह से लगातार वारदातें हो रही हैं, उससे एक बात तो साफ है कि अभी भी लोगों को डर से आजादी नहीं मिली है। बरेली पुलिस के आंकड़े भी कुछ यही हकीकत बयां कर रहे हैं।
मनचलों पर नहीं लगी लगाम
छेड़छाड़ की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड बनाया गया। सादी वर्दी में मार्केट में, स्कूल के बाहर व अन्य स्थानों पर पुलिस तैनात करने के दावे किए गए लेकिन छेड़छाड़ की वारदातों पर बिल्कुल भी लगाम नहीं लगी। मनचले खुलेआम घूमते हैं और स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों और महिलाओं को डर लगाता है। पुलिस के आंकड़ों पर ही गौर करें तो बरेली में 1 जनवरी से 31 जुलाई तक 212 दिनों में छेड़छाड़ और शीलभंग के 261 मामले दर्ज हुए। इससे साफ है कि रोजाना एक से अधिक छेड़छाड़ के मामले हुए।
दहेज उत्पीड़न से नहीं आजादी
खेल हो या फिर सरकारी नौकरी महिलाओं ने सभी क्षेत्रों में देश का नाम रोशन किया है लेकिन अभी भी हर जिले में सैकड़ों महिलाओं को दहेज की कुरीति का शिकार होना पड़ता है। कोई महिला दहेज प्रताड़ना सहकर नरकीय जीवन जीती रहती है तो कोई हिम्मत हारकर दम तोड़ देती है। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े और अधिकारियों के दफ्तरों में महिलाओं के रोजाना चक्कर लगाने से तो यही लगता है, कि इस कुरीति से आजादी इतनी आसानी से नहीं मिलने वाली है। जिले में 1 जनवरी से 31 जुलाई तक जहां 35 महिलाएं दहेज की बलि चढ़ गई तो 344 महिलाओं को दहेज के खातिर घर से निकाल दिया गया।
जबरन उठायी जा रहीं लड़कियां
अपहरण की बात करें तो यहां भी लड़कियों के मामले कहीं ज्यादा हैं, चाहें फिर वह प्रेम प्रसंग से ही क्यों न जुड़े हों। लड़कियों को जबरन अपहरण करके ले जाया जाता है, जिनमें से अधिकांश को बाद में अकेला छोड़ दिया जाता है। पुलिस रिकार्ड पर गौर करें तो इस वर्ष 212 दिनों में गर्ल्स के अपहरण के 305 मामले सामने आ चुके हैं, जिससे साफ है कि 2 दिन में तीन लड़कियों का अपहरण हो जाता है।
हत्याओं पर नहीं लग रही लगाम
सबसे ज्यादा डर लोगों को अपनी जान का है, क्योंकि कब किसका कहां मर्डर हो जाए, कुछ पता नहीं है। मर्डर की वजह चाहें रंजिश हो या फिर जमीन, लेकिन एक बात तो साफ है कि लोग कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। बरेली डिस्ट्रिक्ट में लगातार मर्डर के मामले सामने आ रहे हैं। इस वर्ष 70 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, जिसमें कई मामलों में पुलिस न तो मरने वाले का पता कर सकी है और न ही मारने वाले का। यहां भी महिलाओं की बात करें तो 11 महिलाओं की हत्या हुई है।
चोरी और लूट भी नहीं कम
लोगों को एक डर और लगता है, वह डर है लूट या चोरी का। क्योंकि लोग बड़ी मेहनत कर सामान इकट्ठा करते हैं और चोर-लुटेरे पल भर में मेहनत की कमाई लूटकर चले जाते हैं। राह चलते कब पर्स, मोबाइल या रुपयों की लूट हो जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं है। मजबूरी में घर छोड़कर गए तो सामान बचेगा या नहीं यह कहना मुश्किल ही है। दूसरी ओर पुलिस भी मामलों को दर्ज करने में आनाकानी करती है।
क्या कहते हैं बरेली रेंज में महिला अपराध के आंकड़े
महिलाओं के मर्डर
डिस्ट्रिक्ट 2017 - 2018
बरेली 26 11
शाहजहांपुर 7 11
पीलीभीत 9 6
बदायूं 18 18
टोटल 60 46
दहेज हत्या
डिस्ट्रिक्ट 2017 2018
बरेली 32 35
शाहजहांपुर 29 41
पीलीभीत 15 27
बदायूं 31 30
टोटल 107 133
दहेज उत्पीड़न
डिस्ट्रिक्ट 2017 2018
बरेली 295 344
शाहजहांपुर 126 139
पीलीभीत 104 119
बदायूं 172 221
टोटल 697 823
दुष्कर्म के मामले
डिस्ट्रिक्ट 2017 2018
बरेली 31 43
शाहजहांपुर 30 30
पीलीभीत 53 27
बदायूं 51 39
टोटल 165 139
छेड़छाड़
डिस्ट्रिक्ट 2017 2018
बरेली 19 15
शाहजहांपुर 2 4
पीलीभीत 3 5
बदायूं 8 8
टोटल 32 32
शीलभंग
डिस्ट्रिक्ट 2017 2018
बरेली 234 246
शाहजहांपुर 74 69
पीलीभीत 70 73
बदायूं 173 135
टोटल 551 523
महिला अपहरण
डिस्ट्रिक्ट 2017 2018
बरेली 266 305
शाहजहांपुर 118 121
पीलीभीत 125 127
बदायूं 178 190
टोटल 687 739
क्या कहतें हैं अधिकारी
क्या महिलाओं को अपराध से आजादी मिलेगी
महिलाएं पूरी तरह से आजाद हैं। डाटा बढ़ा है लेकिन इसका मतलब सिर्फ यह नहीं है कि क्राइम बढ़ा है, इसके पीछे की वजह अवेयरनेस भी है। अब महिलाएं आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज करा रही हैं और अपराध करने वालों पर कार्रवाई हो रही है।
डाटा से तो साफ है कि अपराध बढ़ रहा है
यह ट्रांजिशन फेज है, पहले महिलाएं दहलीज के अंदर बंद रहती थीं, अब वह हर फील्ड में बाहर निकल रही हैं, उनका सोशल संपर्क भी बढ़ रहा है। इसी के चलते कई बार वह अंजान शख्स के भी संपर्क में आ जाती हैं, इसकी वजह से भी कई बार रेप के मामले अधिक सामने आते हैं।
स्कूल-कॉलेज के आसपास भी सेफ्टी नहीं है
स्कूल-कॉलेज के पास भीड़ रहती है, यहां छेड़छाड़ की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस फोर्स तैनात की जाती है। एंटी रोमियो स्क्वॉड भी काम कर रहा है। कई जगह पुलिस की प्रेजेंस नहीं होती है, वहां भी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा पुलिस की प्रेजेंस रहे।
डीके ठाकुर, आईजी रेंज