- डॉक्टर्स की लापरवाही से प्रसूता की जान पर बन आई

- मौजूद महिलाओं की मदद से हुई डिलेवरी

GORAKHPUR: एक तरफ प्रदेश सरकार मातृत्व सप्ताह मना रही है। वहीं, जिम्मेदारों के लिए सारे फरमान दरकिनार हैं। लापरवाही का आलम है कि महिला अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टरों की लेटलतीफी से प्रसूता की जान पर बन आई। करीब डेढ़ घंटे से डॉक्टर का इंतजार कर रही प्रसूता ने ओपीडी में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इसके बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में इनडोर में मौजूद डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया।

पर्चा काट कराया इंतजार

जिला महिला अस्पताल में मंगलवार की सुबह साढ़े आठ बजे दिवान बाजार की रहने वाली रूबी इलाज के लिए पहुंची। उसे नौ महीने का गर्भ था। पति हरिकेश उसे लेकर सुबह सवा सात बजे महिला अस्पताल पहुंचा। इमरजेंसी बंद हो चुकी थी, ऐसे में वह उसे लेकर ओपीडी में चला गया। पति-पत्‍‌नी दोनों ओपीडी का पर्चा कटवा कर डॉक्टर का इंतजार करने लगे। करीब साढ़े आठ बजे अचानक रूबी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। यह देखकर पति परेशान हो गया और वह भाग कर वार्ड की तरफ डॉक्टर्स को ढूंढने के लिए भाग खड़ा हुआ।

मेज पर लिटा कराया प्रसव

पति को ढूंढने के दौरान वार्ड में दाई जन्नतुन मिली। पति ने उसे पूरी बात बताई। पति दाई के साथ ओपीडी में पहुंचा, तब तक मां के गर्भ से बच्चे के निकलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। आनन-फानन में दाई ने वहां मौजूद महिला मरीजो के तीमारदारों की मदद से उसे ओपीडी के कमरा नंबर नौ में लगे मेज पर लिटा कर प्रसव प्रक्रिया पूरी कराई। इसके बाद दाई ने ओपीडी में मौजूद सफाईकर्मी से इनडोर में मौजूद डॉ। सविता को बुलवाया, जिन्होंने वहां पहुंचकर बच्चे की नाल काटी। इसके बाद प्रसूता को वार्ड में भर्ती किया गया।