-गैंगवार में दो सालों में गिर चुकी हैं चार लाशें

-वर्चस्व और ताकत दिखाने के साथ-साथ बदला ले रहे खूनी गैंग

-अभी और बढ़ेगी लड़ाई, जेल से निकलकर मचा रहे तांडव

PATNA: शहर के तीन थाना एरिया एसकेपुरी, बुद्धा कॉलोनी और पाटलिपुत्रा के बॉर्डर पर पड़ने वाला एरिया मैनपुरा पिछले कुछ सालों से बदलापुर बन चुका है। बदले की आग में दो गैंग जल रहे हैं और नतीजा यह है कि दो सालों में चार लोगों की लाशें गिर चुकी हैं। चार लोगों की पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। संतोष सिंह को टपकाने का अंदाज से ही इसका अंदाज लगाया जा सकता है कि अपराधियों ने बिरजू राय की हत्या का बदला लिया है। बिरजू को उसी इलाके में उसके घर के करीब ही चाय दुकान के पास इतनी गोलियां मारी गई कि उसके चिथड़े उड़ गए थे। कुछ इसी अंजाम में संतोष पर भी हमला किया गया, उसपर भी आठ गोलियां दागी गई थी। बिरजू के शरीर से सात गोलियां पोस्टमार्टम के दौरान निकाली गई थी। हालांकि इस हत्या में घर वालों ने एक ठेकेदार और उसके लोगों को नेम्ड किया है, जबकि पुलिस सोर्सेज की मानें तो हत्या में शंकर राय गिरोह और उसके गुर्गे शामिल है। बाद में इंवेस्टिगेशन में इन लोगों का नाम सारे फैक्ट के साथ सामने आ जाएगा।

पहले दोस्ती, फिर दुश्मनी

बिरजू जब अपराधी की दुनिया में एक्टिव था, तो उस इलाके के लड़कों के लिए सरगना था। उसके गिरोह में ही शंकर राय हुआ करता था। संतोष की भी बिरजू से तब पटती थी, लेकिन बालू के ठेके और कुछ रुपयों को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। इसी दौरान बिरजू ने तब संतोष पर हाथ उठा दिया था। पुलिस की मानें, तो इसी का बदला लेने के लिए संतोष ने शंकर को पटाया और बिरजू को रास्ते ही हटा दिया था। इस कांड में संतोष के अलावा विक्की, राहुल, शंकर सहित कई अपराधियों को पुलिस ने दबोच लिया था। सभी जेल से निकल गए, मगर शंकर दो महीने पहले ही जेल से छूटा है। वह अपने गिरोह का खौफ पैदा करने के लिए फिर से रंगदारी और धमकियों का खेल खेल रहा है। यही नहीं, संतोष के पास अपने रखे अपने हिस्से के कुछ रुपए का भी दबाब बना रहा था। सोर्सेज की मानें, तो संतोष ने उसे रुपये देने में आनाकानी की थी। शंकर और बिरजू के मधुर संबंध को खराब करवाने में भी संतोष का हाथ था, जबकि इस गिरोह के सभी जानते थे कि शंकर, बिरजू का शूटर रहा है। पहले से बंटे गिरोह में विनय गुप्ता, संतोष, मनोज, चवनिया सहित कुछ कुख्यात रहे, जबकि दूसरी ओर बिरजू के साथ शंकर राय, विक्की, विनय कुमार सूरज, हड्डिया, राहुल साहनी उर्फ राहुल दरभंगिया और दुर्गेश का नाम है। इस गिरोह की सारी जानकारी पुलिस में बंद है।

The other side

दो साल में चार लाशें

मैनपुरा, राजापुर, बोरिंग कैनाल रोड और दुजरा में पिछले दो सालों में इस गिरोह की लड़ाई में चार लाशें गिर चुकी हैं। साथ ही कई बार फायरिंग और बमबाजी हो चुकी है। सबसे पहले बिरजू गिरोह से जुड़े विनय कुमार की हत्या बोरिंग कैनाल रोड में कर दी गई थी। वह भी तब जब वह स्कार्पियो से एक शादी समारोह में शामिल होने आया था। उसे भी गाड़ी में ही इतनी गोली मारी गई कि वहीं उसकी मौत हो गई थी। उसने फेसबुक पर भी अपना एक अलग प्रोफाइल खोल रखा था, जिसमें स्टूडेंटस का एक बड़ा वर्ग जुड़ा था। उसकी हत्या के बाद तो सड़क पर सैकड़ों लड़कों ने तबाही मचाई थी और दर्जनों दुकानों में तोड़फोड़ कर गुस्सा का इजहार किया था। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही बिरजू गोप पर जुलाई क्ख् में गोलियां बरसा दी गई। इन दो हत्या के बाद तो गैंगवार चरम पर पहुंच गया और बिरजू गिरोह के शक के दायरे में दुजरा का चवनिया आ गया और कुछ महीने बाद ही उसकी भी लाश जुआ खेले हुए दुजरा में ही गिरा दी गई। इसके बाद चौथा टारगेट बना संतोष सिंह।