ALLAHABAD: कुरआन शरीफ में जगह-जगह माता-पिता की अहमियत व उनकी आज्ञा मानने का हुक्म आया है। यहां तक कि माता-पिता के सामने कंधा झुका कर चलने और उनसे ऊंची आवाज में बात न करने की शिक्षा दी गई है। इतना ही नहीं, कुरआन में जहां-जहां माता-पिता का जिक्र आया है, वहां-वहां खुदा ने अपना भी जिक्र किया है। यानी माता-पिता और खुदा में कोई अंतर नहीं है। इमामबाड़ा रिजविया सुल्तानपुर के मौलाना सैय्यद रजी हैदर ने यह बातें सैटरडे को कहीं। वे सुल्तानपुर भावा बुड्ढा ताजिया में मरहूम सैय्यद मो। कासिम रिजवी के इसाले शवाब की मजलिस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान डा। अबरार हुसैन, अब्दुल कलाम, मु। अब्बास, डा। वाकर कर्रार, सादिक, सकलैन, मो। आलिम मौजूद थे।