सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और अश्लेषा नक्षत्र का योग सभी राशियों के लिए होगा फलदायी

ALLAHABAD: माघ का पहला प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति इस बार शुभ नक्षत्रों की जुगलबंदी से महापर्व जैसी खासियत वाला होगा। स्नान और दान-दक्षिणा के इस पर्व पर करीब ढाई दशक बाद सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग के साथ चंद्रमा का कर्क राशि में अश्लेषा नक्षत्र, प्रीति योग व मानस योग बन रहा है। यह आकाशीय सितारों के अनुसार दुर्लभ और श्रेष्ठ है। संक्रांति पर ऐसा संयोग सभी 12 राशियों के जातकों के लिए दस गुना ज्यादा फलदायक होगा।

28 साल बाद आया महायोग

वर्ष 2017 में 28 साल के बाद मकर संक्रांति पर महायोग बन रहा है। 14 जनवरी दिन शनिवार को दोपहर 1.51 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा और सूर्य उत्तरायण हो जाएगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग के साथ-साथ चंद्रमा का कन्या राशि के अश्लेषा नक्षत्र में मौजूद रहना ही अपने आप में दुर्लभ योग हो जाता है। यह योग सभी राशियों के जातकों को एक साथ पुण्य लाभ प्रदान करेगा। ज्योतिषाचार्य पं। विद्याकांत पांडेय ने बताया कि माघ महीने में संक्रांति पड़ रही है। तीन दुर्लभ संयोग में दान-दक्षिणा व स्नान करने का साधकों को अनंत पुण्य प्राप्त होगा। साथ ही स्वयं के परिजनों सहित पूर्वजों के नाम से गाय को चारा खिलाना शुभ माना जाएगा।

15 से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

मकर संक्रांति पर बन रहे महायोग से मांगलिक कार्यो का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद 15 दिसम्बर 2016 से चला आ रहा मलमास समाप्त हो जाएगा।