RANCHI : रांची कॉलेज के एक ऐसे टीचर जो स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा तो देते ही है, साथ ही स्टूडेंट्स को बेहतर क्लासरूम मिले इसके लिए उन्होंने अर्थ दान भी किया है। कॉलेज के रेनोवेशन में प्रो। एसके त्रिपाठी ने अपनी कमाई के 16 लाख रुपए खर्च कर दिए है। इंग्लिश के टीचर प्रो। त्रिपाठी ने रांची कॉलेज के नार्थ ब्लॉक का रेनोवेशन करवाया है। एक दिन क्लास लेने के दौरान स्टूडेंट्स को क्लास में बैठने में परेशानी हुई। उसी समय प्रो। त्रिपाठी ने निश्चय किया कि क्यों न क्लास रूम को रेनोवेट किया जाए। इसके बाद पूरे नार्थ कैंपस को उन्होंने रेनोवेट करा दिया।

खून देकर बचाते हैं लोगों की जान

रक्तदान के लिए आज भी डोनर की तलाश में एड़ी चोटी एक करनी होती है। इमरजेंसी में आने वाली ऐसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक सामाजिक उद्देश्य के साथ सिटी के अतुल गेरा ने लाइफ सेवर्स के नाम से ब्लड डोनेशन ग्रुप की शुरुआत की। पिछले नौ सालों में इस ग्रुप ने कई जरूरतमंदों को नई जिंदगी दी है। प्रोफेशन से मॉडल और बिजनेसमैन बने अतुल गेरा ने साल 2001 में पहली बार ब्लड डोनेट किया था। मुश्किल में जब अपने ही किसी रिलेटिव को ब्लड नही मिल पाया तभी अतुल ने अपना डोनर ग्रुप शुरू करने की ठान ली। आज अतुल गेरा फेडरेशन ऑफ इंडियन ब्लड डोनर ऑर्गनाइजेशन के असिस्टेंट सेक्रेटरी भी है। अपने ग्रुप के जरिए ये लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए जागरूक भी करते है। आज इस ग्रुप के जरिए स्टोरों और ब्लड बैंक में भी ब्लड की आपूर्ति करा रहे है। साथ ही समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैंप के साथ अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाते है।

अपने पैसे खर्च कर संवार रहे शहर की सूरत

प्रवीण ब्रदर्स के प्रोपराइटर प्रतीक जायसवाल ने अर्थदान के जरिए सिटी को स्वच्छ और सुंदर बनाने की मुहिम छेड़ी है। प्रतीक इन दोनों विभिन्न जगहों पर लगाए गए पुलिस पोस्ट, टेलिफोन पोस्ट को साफ-सुथरा बना रहे है। प्रतीक के अनुसार सर्जना चौक से गुजरते वक्त उनकी नजर पुलिस पोस्ट पर पड़ती थी जिसकी हालत जर्जर हो चली थी और वहां कई पोस्टर्स भी चिपकाए गए थे। प्रतीक ने ना सिर्फ पोस्ट की सफाई कराई बल्कि उसकी मरम्मत करा कर पीले और लाल रंग से पेंट भी कराया। पुलिस पोस्ट को परफेक्ट लुक देते हुए पीले रंग को ग्लो कराया ताकि लोगों को भी पुलिस पोस्ट होने की जानकारी मिले। यहीं नही प्रतीक ने एचबी रोड स्थित दुर्गा टावर में अपने ऑफिस के सामने स्थित टेलिफोन पोस्ट की भी सफाई कराई। प्रतीक इस मुहिम के जरिए कई जगहों की साफ-सफाई अपने खर्च पर करने को तैयार है।