पेट नेम तो घर के लिए ही रखें

अपनी वाइफ के सामने भी आप वैसा ही रेस्पेक्ट और कट्र्सी शो करें जैसा आप दूसरे को-वर्कर्स के साथ करते हैं. अपने इमोशनल रिएक्शंस को शो ना होने दें. अपने पार्टनर को पेट नेम से तो बिल्कुल ही ना पुकरें. 

ना दें गॉसिप का मौका

अगर घर पर कभी वाइफ के साथ कहा-सुनी हो गई हो तो इस बात को ऑफिस तक बिल्कुल ना लाएं और इसे अपने क्लोज कलीग से भी ना शेयर करें, क्योंकि इस मामले में कोई भी आपकी हेल्प नहीं कर सकता, हां कलीग्स को गॉसिप के लिए टॉपिक जरूर मिल जाएगा.  

लंच कलीग के साथ और डिनर वाइफ के साथ

ऑफिस में ब्रेक के वक्त चाहे वह लंच हो या मीटिंग्स, हमेशा कलीग्स के साथ रहें. इससे को-वर्कर्स के साथ आपका पर्सनल रिलेशनशिप बेहतर होगा. हर वक्त साथ होने का बहाना बिल्कुल ना तलाशें. आपको टू-पर्सन्स ‘स्पाउस सोसाइटी’ बनाने से बचना चाहिए.

ऑफिस में न बनें हसबैंड

अगर आपकी वाइफ को किसी को-वर्कर के साथ कोई प्रॉब्लम है तो आप अपनी वाइफ पर यकीन रखिए कि वह इसे सॉर्ट ऑउट कर लेगी. यह आपका काम नहीं है कि आप अपनी वाइफ का साथ देते हुए उस को-वर्कर को आंखें दिखाएं. सेम कंडिशन में वाइफ को भी हसबैंड का साथ देने से बचना चाहिए.

इग्नोर करें कलीग्स के कमेंट्स

अगर कोई कलीग आपके वाइफ-हसबैंड के रिलेशनशिप को लेकर किसी तरह का कमेंट करे तो चाहे वह पॉजिटिव ही क्यों ना हो उसपर बिल्कुल भी ध्यान ना दें. ऑफिस में एंटर करते ही आप एक-दूसरे के सिर्फ कलीग हैं न कि हसबैंड-वाइफ.

...जब साथ बिजनेस करते हों

  • अपने पार्टनर के साथ लगातार कम्यूनिकेट करते रहना बेहद जरूरी है. हो सकता है कि कई इश्यू पर आप दोनों आपस में एग्री नहीं करते हों, लेकिन बिजनेस पर इसका असर न पड़े इसलिए बात करना जरूरी है.
  • अगर आप दोनो को लगता है कि किसी इश्यू पर आप दोनो के ओपीनियन एकदम डिफरेंट हैं तो ऐसे इश्यू पर आप अपने को वर्कर्स से बात करने से पहले अकेले में इस इश्यू पर बात कर सकते हैं.
  • ये बात बिलकुल ध्यान में रखें कि आपके इम्प्लॉइज आपको हमेशा ऑब्जर्व कर रहे होते हैं. इसलिए किसी भी तरह का कॉन्फ्लिक्ट इम्प्लॉइज के बीच गॉसिप का टॉपिक बन सकता है.
  • चाहे जितना भी वर्कलोड बढ़ जाए आप दोनो खुद के लिए वक्त जरूर निकालें, ताकि आप पर्सनल हो पाएं.

रंजना पाठक, रिलेशनशिप एक्सपर्ट