- नहीं मिलते हैं अधिकारी और कर्मचारी

- कार्यालय में अधिकारियों के न मिलने से भटकते रहते हैं लोग

UNNAO:

नगर का श्रम कार्यालय दुर्दशा का शिकार है। जर्जर हो चुके इस भवन में असुरक्षा के भय से इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक बैठने से कतराते हैं। दीवारें एवं छत गिरने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। इस कारण कार्यालय में ताला ही लटका रहता है और नगर के श्रमिकों को पंजीकरण व अन्य कार्यों के लिये उन्नाव के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसमें उनका समय और पैसा दोनों ही जाया होता है।

इस क्षेत्र में श्रमिकों के हितों की रक्षा एवं शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये नगर में एक किराए के भवन में श्रम कार्यालय संचालित है। इसका संचालन एक निरीक्षक व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के द्वारा किया जा रहा है। जर्जर हो चुके उक्त भवन में उक्त अधिकारी बैठना मुनासिब नहीं समझते हैं। कार्यालय भवन में अक्सर ताला ही लटका नजर आता है और बाल मजदूरी व बंधुआ मजदूरी पर रोक लगाने में इस कार्यालय के उक्त अधिकारी कर्मचारी अक्षम साबित हो रहे हैं। क्षेत्र के ईंट भट्ठों, मोटर साइकिल व बोलेरो जीप आदि बनाने वाली दुकानों के साथ साथ नगर की बड़ी छोटी मीलों व कारखानों में सैकड़ों की संख्या में इस तरह के मजदूर किसी भी समय काम करते देखे जा सकते हैं।

इसके अलावा व्यावसायिक दुकानों का पंजीकरण व साप्ताहिक बंदी को लागू कराने और श्रमिक पंजीकरण के कार्य भी इस कार्यालय पर नहीं हो पाते हैं। इतना ही नहीं श्रमिकों के लिये सरकार द्वारा संचालित शिशु हित लाभ योजना, दुर्घटना सहायता योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना सहित संचालित लगभग क्म् योजानाओं के लाभ के लिये भी श्रमिकों को बांगरमऊ से उन्नाव तक की दौड़ लगाने के बाद भी उनका पंजीकरण या किसी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। ग्राम सरायं निवासी रेवा नंद कहते हैं कि वह अपना पंजीकरण कराने के लिये पहले उन्नाव गए, वहां से बांगरमऊ भेजा गया। बांगरमऊ कार्यालय मे ताला लटका मिला। इससे उनका पंजीकरण पिछले तीन माह से नहीं हो पा रहा है। रेवानंद की तरह दर्जनों श्रमिक रोज कार्यालय के चक्कर लगाकर इसी तरह वापस हो जाते हैं। इस संबंध मे श्रम अधिकारी करणसिंह बताते हैं कि बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी, गंजमुरादाबाद सहित कई क्षेत्रों का काम उनके पास है। इसलिए वह कार्यालय में ज्यादा समय नहीं दें पाते है।