विदेशों में गाड़ी चलाने के लिए आपको इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस (आईडीएल) की जरूरत होगी। बिना आईडीएल के अगर आप ड्राइविंग सीट पर बैठे तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

आईडीएल बनवाना बहुत आसान है। सन 1949 के ऑन रोड ट्रैफिक कनवेंशन के तहत यह डेट ऑफ इश्यू से एक साल के लिए वैलिड होता है। हालांकि, विएना कनवेंशन के तहत आईडीपी तीन सालों के लिए वैलिड है। मगर, इंडिया में विएना कनवेंशन के बजाय ऑन रोड ट्रैफिक कनवेंशन के अन्तर्गत लाइसेंस इश्यू किए जाते हैं.

फॉरेन जा रहे हैं तो आईडीएल भी बनवा लीजिए

सिटी में फॉरेन जाने वालों में स्टूडेंट्स, सर्विसमैन और बिजनेसमैन भी शामिल हैं। मगर, अवेयरनेस की कमी के चलते लोग आईडीएल के लिए अप्लाई ही नहीं करते। मगर, जब फॉरेन में जब उन्हें टू व्हीलर या फोर व्हीलर चलाने की जरूरत पड़ती है। तो उन्हें काफी प्रॉलब्म होती है। सिटी के प्रशांत मिश्रा जब न्यू ओर्लियांस में जॉब पर गए। तो उनके साथ भी यही दिक्कत आई थी। इसलिए जब वो कानपुर आए तो उन्होंने सबसे पहले आरटीओ से अपना आईडीएल बनवाया।

आईडीएल बनवाने में आपको बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। अगर सारे  डॉक्यूमेंट्स हैं तो सेम डे ही आईडीएल इश्यू हो जाता है। पब्लिक की डिमांड पर उन्हें तत्काल आईडीएल इश्यू कर दिया जाता है। बशर्ते पेपर फॉर्मेल्टी पूरी हों। इसे बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस में एक नोटिस बोर्ड लगा हुआ है। जहां आईडीएल बनवाने का पूरा प्रॉसेस लिखा है। सुबह फार्म फिलअप कर सबमिट करने वालों को शाम तक आईडीएल इश्यू कर दिया जाता है।