अनीता का केस

सिटी की एक गाइनोक्लोजिस्ट के पास अनीता का केस आया। अनीता ने एक बच्चे को जन्म दिया था, जिसका मानसिक विकास नहीं हुआ था। करीब डेढ़ महीना बाद उस बच्चे की मौत हो गई। उस बच्चे के ब्रेन को रिसर्च के लिए बॉम्बे भेजा गया था। रिपोर्ट में पाया गया कि लिप्स्टिक में मौजूद लेड की वजह से उस बच्चे के ब्रेन का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाया था।

मेकअप से

महिलाओं के लिए मेकअप के क्या मायने हैं ये बताने की जरूरत नहीं है। खूबसूरती बढ़ाने वाला मेकअप कई बार खतरा बन जाता है। डॉक्टर्स की मानें तो पे्रग्नेंसी के दौरान मेकअप बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

Avoid hair dye

हेयर डाई में मौजूद लीड एसिटेट बालों को तुरंत काला करने के काम आता है और इससे नर्वस सिस्टम और दिमाग संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पीपीडी यानी पी-फिनायलेनेडाइमाइन, जिसका इस्तेमाल डाई को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए होता है। मार्केट में अवेलेवल 75 परसेंट ब्रांड की डाई में मौजूद ये केमिकल ब्लाडर कैंसर, फेफड़े, किडनी, लीवर, इम्यूनिटी पर बुरा असर डालते हैं। परसल्फेट जिसमें पोटेशियम, सोडियम और अमोनियम सल्फेट जैसे केमिकल होते हैं, जो स्किन प्रॉब्लम के साथ दमा, सांस लेने की दिक्कत या फेफड़े खराब होने में सहायक होते हैं। डाई में मौजूद रेसोर्सिन नाम का केमिकल बॉडी के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ देता है। गर्भवती महिलाओं के लिए ये बहुत हानिकारक होता है। हाइड्रोजन पैराक्साइड तो कैंसर तक की आशंका को बढ़ाता है। अमोनिया से स्किन, सांस, आंखों में इंफेक्शन होता है। इनका फ्रिक्वेंट यूज मिसकैरेज के चांसेज को बढ़ा देता है।

No lip colours

लगभग 55 फीसदी लिप्स्टिक ब्रांड में लेड की मात्रा पाई जाती है। अंडरराइटर्स लैबोरेट्रीज ने खुलासा किया कि 22 में से 12 लिप प्रॉडक्ट्स जहरीले हैं। लेड की थोड़ी सी मात्रा भी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है। लैड की जरा सी भी मात्रा कंज्यूम पर आपके आईक्यू, व्यवहार और सीखने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है। ऐंटीलेड एक्टिविस्ट बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इससे दूर रहने की सलाह देते हैं।

टॉक्सिंस प्रोडक्ट हैं खतरनाक

मार्केट में मौजूद कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में केमिकल टॉक्सिंस पाए जाते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह होते हैं। ये टॉक्सिंस ड्योडरेंट, परफ्यूम्स, लिप्स्टिक, नेल पेंट्स में पाए जाते हैं। इसके साथ ही हार्मफुल पेट्रोलियम बाई-प्रोडक्ट, जो लिप्स्टिक से लेकर लिप ग्लॉस और कुछ आई शेडोज में पाए जाते हैं।

कोल और आई लाइनर्स

कई कॉस्मेटिक आई लाइनर्स में लेड, एल्यूमिनियम, एंटीमोनी जैसे कई हार्मफुल केमिकल बच्चे में न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम क्रिएट करते हैं।

"मेरा बेटा इस समय बारह साल का है। उसके जन्म से पहले जिन डॉक्टर से मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था। उन्होंने मुझसे और उस समय उनके पास आने वाली बाकी पेशेंट्स से भी इस दौरान मेकअप न करने की सलाह दी थी."

-शालिनी गुप्ता

"कुछ मेकअप प्रोडक्ट्स प्रेग्नेंट लेडीज के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। इनमें मौजूद केमिकल्स मिसकैरिज तक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं."

-डॉ। नीता अरोरा, गाइनोक्लोजिस्ट

"गर्भवती महिलाएं अगर मेकअप न करें तो बेहतर होगा क्योंकि मेकअप प्रोडक्ट्स में मौजूद हार्मफुल केमिकल्स स्किन पर तो इफेक्ट डालते ही हैं बल्कि बॉडी में ऐंटर होकर भी नुकसान पहुंचाते हैं."

-डॉ। सपना अग्रवाल, गाइनोक्लोजिस्ट