वर्क और बच्चों के बीच तालमेल बनाना बड़ा टफ टास्क
allahabad@inext.co.inALLAHABAD: बच्चों की बदलती मानसिकता और उनके तौर-तरीकों में हो रहे बदलाव ने मौजूदा हालात के बारे में सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इस बारे में विभिन्न महिलाओं से बात की। बच्चों की सोच में हो रहे बदलाव के पीछे के कारणों के बारे में जाना। सभी माना कि इसके पीछे वजह पैरेंट्स का बच्चों को समय न दे पाना है।

टाइम मैनेजमेंट बन रहा बड़ा फैक्टर
पैरें‌र्ट्स अगर वर्किंग हैं तो काम और घर में बच्चों को पर्याप्त समय देने बीच तालमेल बैठाने में दिक्कत आती है। इस वजह से बच्चों पर अकेलापन हावी हो रहा है। स्कूलों की बात करें तो यहां पर भी टीचर्स और प्रिंसिपल का पूरा जोर डिसिप्लिन मेंटेन करने पर ही होता है। जबकि आज के दौर में बच्चों को भरपूर समय देने की जरूरत है। पेशे से स्कूल शिक्षिका सलोनी अग्रवाल कहती हैं कि पहले के समय में ज्वॉइंट फैमिली थी। घर में बच्चों के पास माता पिता के साथ ही अन्य रिश्तेदार होते थे। इससे उनकी परवरिश बेहद ही संजीदा तरीके से होती है। आज एकल परिवार में रहने के कारण कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं। जब बच्चे अकेले में इंटरनेट, मोबाइल और सोशल साइट्स पर अधिक समय देते हैं तो पैरेंट्स भी उस पर रिएक्ट करते हैं। इससे बच्चे तनाव में आते हैं और यहीं से उनके अंदर आक्रामकता का जन्म होता है।

वर्जन
हमारे समय में बच्चों को फिजिकल एक्टीविटी पर जोर दिया जाता था। इससे बच्चे थकते थे और फालतू की चीजों पर ध्यान नहीं देते थे। अब बच्चे बैठकर मोबाइल में पूरी दुनिया सर्च करते हैं। इससे बच्चों का दिमाग फालतू बातों की ओर अधिक जाता है।

-सलोनी अग्रवाल

शिक्षिका, आर्य कन्या इंटर कालेज

टाइम मैनेजमेंट बड़ी समस्या है। ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स खासतौर पर महिलाएं इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे क्या कर रहे हैं। अगर सोशल साइट या इंटरनेट या ऐसी किसी भी वस्तु का उपयोग कर रहे हैं तो उसका भी ध्यान रखना चाहिए कि वहां पर क्या-क्या सर्च कर रहे है। मैं टीवी देखते या किचन में काम करते समय भी ऐसा करती हूं।

-पूजा अग्रवाल

बच्चों की बदलती मानसिकता के पीछे हम ही जिम्मेदार हैं। घरों में बचपन से ही बच्चों को उनकी गलती नहीं बताई जाती है। अगर कोई छोटा बच्चा गिर जाता है तो घर वाले बच्चे को यह नहीं बताते हैं कि उसकी गलती थी इसलिए वह फिसल कर गिर गया। उल्टा फर्श को ही गलत कहते हुए उसे डांटते हैं। ये बातें बच्चों को अहसास देती हैं कि उनकी कहीं से गलती नहीं रहती है।

-शालिनी गुप्ता

प्रिंसिपल महर्षि भरद्वाज स्कूल

ज्वॉइंट फैमिली का महत्व खत्म होने के कारण ऐसी समस्या आम हो गई है। ऐसे में बच्चों पर फोकस करना ज्यादा जरूरी है। पहले के समय में ज्वॉइंट फैमली होने पर ये समस्याएं नहीं होती थी। ये सभी के लिए सोचने का विषय है।

-सरिका राठौर

टीचर, ग्रीन लांस स्कूल