मलाल युसूफजई करोड़पति बन गई हैं. उन्होंने अपने संस्मरण के प्रकाशन के लिए तीस लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 16 करोड़ रुपये) का अनुबंध किया है. गर्ल्स एजुकेशन की हिमायत करने के कारण तालिबान की गोली का शिकार बनी मलाला को दुनियाभर में महिलाओं के अधिकारों की पैरोकार के रूप में जाना जाता है.

'आई एम मलाला' होगा बुक का नाम

गार्जियन न्यूजपेपर की खबर के अनुसार तालिबान की गोली की शिकार हुई 15 साल की पाकिस्तानी स्टूडेंट की संस्मरण आधारित जीवनी इसी साल प्रकाशित की जाएगी. इसके लिए 30 लाख डॉलर का अनुबंध किया गया है. 'आइ एम मलाला' नाम की इस किताब को ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल देशों में वेडेनफेल्ड एंड निकोल्सन प्रकाशित करेगा जबकि बाकी दुनिया में लिटल ब्राउन द्वारा प्रकाशित किया जाएगा. हालांकि प्रकाशक के प्रवक्ता ने अनुबंध की राशि के बारे में पुष्टि नहीं की है.

'सबको बताना चाहती हूं अपनी कहानी'

मलाला ने कहा कि मैं अपनी कहानी बताना चाहती हूं. लेकिन यह 6 करोड़ और ऐसे बच्चों की कहानी होगी, जो एजुकेशन हासिल नहीं कर सकते. मैं हर लड़के या लड़की के स्कूल जाने के उसके अधिकार को लेकर अभियान का हिस्सा बनना चाहती हूं. यह उनका मौलिक अधिकार है. उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि यह किताब दुनिया के हर कोने में लोगों तक पहुंचेगी और उन्हें यह एहसास होगा कि कुछ बच्चों के लिए एजुकेशन हासिल करना कितना मुश्किल होता है.

तालिबान ने मलाला को पिछले साल नौ अक्टूबर को गोली मार दी थी. पहले पाकिस्तान के रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. बाद में बेहतर इलाज के लिए उन्हें यहां बर्मिंघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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