डराते हैं ये आंकड़े

- 95842 लोगों में 2018 में मलेरिया के लक्षण पाए आए

- 20437 केस अकेले शहरी क्षेत्र से आए

- 5549 केस की रिपोर्ट पॉजीटिव आई

- 50 मरीजों ने मलेरिया से तोड़ दिया दम

- 4 लाख रुपए का बजट नगर निगम को मिला

- 6 लाख रुपए मलेरिया विभाग को दिए गए थे

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फ्लैग : गर्मियां शुरू होने के साथ ही मलेरिया के मामलों में हुई बढ़ोत्तरी, पर नहीं चेत रहा नगर निगम

- 2017 से 2019 के बीच 90 घरों से मिला था मच्छरों का लार्वा, निगम ने सिर्फ नोटिस देकर झाड़ा पल्ला

बरेली : मलेरिया से शहर में पिछले साल 50 से अधिक मौतों के बावजूद न तो नगर निगम की नींद टूटी है और न ही लोग समझने को तैयार है. नगर निगम ने मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए जहां चार जगह फॉगिंग करा कर खानापूर्ति कर दी, वहीं लोगों ने अपने घरों और आसपास लार्वा को न पनपने देने पर कोई कदम उठाया. 2005 के शासनादेश के मुताबिक, नगर निगम ने 2017 से 2019 के बीच ऐसे 90 लोगों को नोटिस भेजा था, जिनके घरों में मच्छरों के लार्वा मिले थे. लेकिन, आज तक इनके खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की और न ही जुर्माना वसूला.

आज से शुरू किया अभियान

इस साल अब तक 1175 लोगों में मलेरिया के लक्षण पाए गए, जिसमें से 75 पॉजीटिव थे. इसे देखते हुए नगर निगम ने थर्सडे से शहर में चार जगर फॉगिंग की. डिस्ट्रिक में नगर निगम और मलेरिया विभाग को मलेरिया की रोकथाम के लिए हर साल 10 लाख रुपए का बजट मिलता है, लेकिन इसके बाद भी हर साल हजारों केस मलेरिया के आए. वहीं पिछले साल 50 लोगों की इससे मौत हो गई थी.

इन पॉश एरिया में पनप रहा लार्वा

मेयर कैंप कार्यालय के पास, जंक्शन रोड, ऑफिसर्स कॉलोनी, रामपुर गार्डेन और सिविल लाइंस.

जहां से सबसे ज्यादा केस, वहां की आज तक न भेजी रिपोर्ट

2018 की शुरुआत में मलेरिया विभाग ने बांस मंडी, चक महमूद, परतापुर जीवन सहाय और मढ़ीनाथ में अभियान चलाया था, जहां से मलेरिया के ज्यादा केस आ रहे थे. मलेरिया विभाग ने नगर निगम को इन जगहों पर नियमित रूप से फॉगिंग कराने को नोटिस भेजा था, लेकिन निगम ने आज तक इसकी रिपोर्ट नहीं भेजी है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मझिगवां, रामनगर, क्यारा और भमौरा से हर साल मलेरिया के सबसे ज्यादा केस सामने आते हैं.

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वर्जन

शहर में विभाग की ओर से समय-समय पर अभियान चलाया जाता है, लोगों को अवेयर किया जाता हैै. हालांकि शहरी क्षेत्र में मलेरिया का बचाव करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. देहात क्षेत्र की तुलना में शहरी क्षेत्रों से भी मलेरिया के केस बढ़े हैं.

देशराज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी.

वर्जन

शहर में मलेरिया की रोकथाम के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है. जिनके घरों में लार्वा पाया जाएगा उनके खिलाफ वायलॉज के अंतर्गत जुर्माना भी लगाया जाएगा. मलेरिया विभाग की हर संभव मदद निगम की ओर से की जाएगी.

सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त.

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दो से तीन हजार जुर्माना वसूलने का प्रावधान

2005 में जारी शासनादेश के मुताबिक, गर्मी की शुरुआत से ही नगर निगम और मलेरिया विभाग अभियान चलाकर उन क्षेत्रों की पहचान करेगा, जहां लार्वा पनप रहा है. यहां नियमित रूप से फॉगिंग और सफाई कराने का जिम्मा नगर निगम का होगा. वहीं जिन लोगों के घरों में लार्वा पाया जाता है उन्हें नोटिस जारी कर दो से तीन हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा.