RANCHI : रिपब्लिक डे की परेड में मलूटी का मंदिर शामिल होने से देश-दुनिया को एक बार फिर से इस जगह के बारें में जानकारी मिलेगी और इससे यहां टूरिस्टों की संख्या बढे़गी। रख-रखाव के अभाव में यहां के मंदिर जीर्ण-शीर्ण होकर धीरे-धीरे समाप्त हो रहे है।
ख्0क्फ् में दिखा था डोकरा आर्ट
साल ख्0क्फ् में पांच साल बाद झारखंड की झांकी को रिपब्लिक डे परेड में शामिल किया गया था। झारखंड का डोकरा आर्ट और मलार जाति इस झांकी का थीम था।
ख्008 में इंडिया गेट पर दिखे थ्ो टाना भगत
ख्008 में झारखंड की झांकी दिखी थी। उस बार की झांकी टाना भगतों पर आधारित थी।
साल ख्00भ् में दिखा था सरहुल
साल ख्00भ् में आदिवासी पर्व सरहुल की झांकी को रिपब्लिक डे परेड में शामिल किया गया था।
ऐसे होता है सेलेक्शन
हर साल होने वाले रिपब्लिक डे परेड में विभिन्न राज्यों को अपनी कला, संस्कृति और विकास को झांकी के माध्यम से देश के सामने दिखाने का मौका मिलता है। इसके लिए हर राज्य बड़े पैमाने पर तैयारी करता है। झांकी में शामिल होने के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री द्वारा बनाई गई सेलेक्शन और एक्सपर्ट्स कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन देना होता है। एक्सपर्ट्स कमेटी प्रजेंटेशन के बाद फाइनल अप्रूवल देती है। इसके बाद ही किसी भी स्टेट की झांकी को रिपब्लिक डे में शामिल होने का मौका मिलता है। साथ ही राष्ट्रीय रंगशाला नई दिल्ली में इस झांकी का निर्माण होता है।
झारखंड की विरासत से रूबरू होंगे लोग
झारखंड की झांकी को रिपब्लिक डे परेड-ख्0क्भ् में शामिल करने का फाइनल अप्रूवल मिल गया है। विभाग झारखंड की झांकी को शानदार और यादगार बनाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण से काम कर रहा है। राज्य के लिए यह एक बड़ा मौका भी है। अपनी विरासत से लोगों को रूबरू कराने का।
एमआर मीणा, सचिव, झारखंड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग