मथुरा। बिल्टेक कारपोरेशन लिमिटेड की वादाखिलाफी से परेशान आकर एक एजेंट ने कंपनी के मुख्यालय पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस एजेंट ने अपने क्षेत्र के लोगों का करीब 25 करोड़ रुपया कंपनी में निवेश कराया था। कंपनी ये पैसा वापस नहीं कर रही थी। इसकी एवज में जमीन देने का वादा किया, लेकिन वो भी नहीं निभाया।

आठ साल पहले हरियाणा के रेवाड़ी जिले के कारवार मानिकपुर क्षेत्र निवासी अभय सिंह एक चिटफंउ कंपनी से एजेंट के तौर से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र के तमाम लोगों का पैसा कंपनी में निवेश कराया। ये कुल रकम करीब 25 करोड़ रुपये की थी। इनमें से करीब पांच करोड़ रुपये की एफडी का समय दो माह पहले ही पूरा हो चुका है। एफडी धारकों ने अपना पैसा कंपनी से मांगा तो कपंनी ने हाथ खड़े कर दिए। एफडी धारकों ने एजेंट अभय सिंह से पैसा दिलवाने को कहा। आएदिन उसके घर एफडी धारकों की भीड़ लगने लगी। मामला ज्यादा बड़ा तो अभय सिंह विगत दिनों आधा दर्जन लोगों के साथ फरह क्षेत्र के गांव चुरमुरा स्थित मुख्यालय आए। यहां कंपनी के शीर्ष पदाधिकारी और चेयरपर्सन से बात की। सभी ने पैसा न होने की बात कहते हुए इसकी एवज में जमीन देने का वादा किया। एजेंट और उसके साथ आए लोग इस पर भी सहमत हो गए।

कंपनी पदाधिकारियों ने 19 मार्च को जमीन का बैनामा करने की बात कही। अभय सिंह और इनके साथ आए लोग अपने-अपने घर नहीं गए और कंपनी के भवन में ही ठहर गए। 19 मार्च को कंपनी के चेयरपर्सन और प्रमुख पदाधिकारी ऑफिस नहीं आए। उनसे संपर्क करने की कोशिश भी नाकाम रही। शुक्रवार रात को अभय सिंह और उनके साथ लोग कल्पतरू की बि¨ल्डग में ही सो गए। शनिवार सुबह जागे तो अभय सिंह एक कमरे में पंखे पर झूलता मिला। इसकी भनक लगते ही बि¨ल्डग में रहने वाले कंपनी के कर्मचारी और पदाधिकारी फरार हो गए।

इधर, मृतक के भाई जयपाल सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि कंपनी में निवेश कराने के बाद उनका भाई अभय सिंह बहुत परेशान था। लोग उनसे तगादा करते थे। उनके भाई की मौत के लिए कंपनी मुखिया पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। जयपाल का आरोप है कि थाने में उनकी तहरीर नहीं ली गई, एसएसपी को ये पत्र भेज दिया है। इधर, थाना फरह के एसओ शीशपाल यादव का कहना है कि अभी तक तहरीर नहीं मिली। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच कंपनी के निदेशक भारत जैन से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, कॉल रिसीव नहीं की।